श्रीनगर, 14 फरवरी (वार्ता) नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) ने रविवार को कहा कि उसके अध्यक्ष एवं मौजूदा सांसद फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को नजरबंद किया जाना मनमाना और मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
श्री उमर अब्दुल्ला ने इससे पहले दावा किया था कि वह और उनके पिता एवं श्रीनगर के सांसद फारूक अब्दुल्ला सहित परिवार के सभी सदस्यों को रविवार सुबह से ही नजरबंद कर दिया गया है।
एनसी नेताओं ने यहां जारी एक संयुक्त बयान में कहा, “पार्टी के नेताओं को उनके घरों में बंद कर देना जम्मू-कश्मीर की तरफ कठोर रवैये को उजागर करता है। यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है और अत्यंत निंदनीय है। पहले भी कई बार नेताओं को विभिन्न कारणों से अपने निवास से बाहर जाने से वंचित किया गया था। इस तरह के अनुचित उपाय जम्मू- कश्मीर के लोगों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का निचला स्तर दर्शाते हैं। इस तरह के उपायों से पता चलता है कि दुनिया के इस हिस्से में असामान्य होना नये तरह का सामान्य है।”
उन्होंने कहा कि इस तरह के कठोर और अनुचित उपाय लोगों को और अलग-थलग कर देंगे और कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल होने में भी देरी होगी, जो अगस्त 2019 के बाद से भय और असुरक्षा की भावना से जूझ रहा है।
नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की कश्मीर नीति में विकास एक नये और खतरनाक स्तर पर है। उन राजनेताओं का तिरस्कार, जिन्होंने कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को सभी बाधाओं और खतरों के बावजूद जिंदा रखा है, डराने वाला है।
यामिनी जितेन्द्र
वार्ता