भोपाल, 15 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक को लेकर अब जब सबकी निगाहें राज्यपाल के निर्देश के मद्देनजर सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन पर लगी हुयी हैं, वहीं विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति का कहना है कि उनकी पहली प्राथमिकता कोरोना को लेकर उठे वातावरण के बीच सभी के स्वास्थ्य को लेकर है।
श्री प्रजापति ने यहां मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि कोरोना के संबंध में पूरे देश के साथ ही मध्यप्रदेश में भी कदम उठाए गए हैं। ऐसी स्थिति में विधानसभा में भी मॉस्क और सेनिटाइजर आदि की व्यवस्था की गयी है। इसको लेकर सभी की चिंता है और उनकी भी चिंता है। इसलिए उनकी पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य के प्रति है।
राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सोमवार को उनके अभिभाषण के बाद बहुमत साबित करने का निर्देश देने संबंधी सवालों के जवाब श्री प्रजापति ने स्पष्ट रूप से नहीं दिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वो उसी समय निर्णय लेंगे। फ्लोर टेस्ट संबंधी और सवालों को उन्होंने काल्पनिक बताया और जवाब टाल गए।
यह पूछे जाने पर कि क्या मध्यप्रदेश में लोकतंत्र सुरक्षित है, श्री प्रजापति ने कहा कि जो परिस्थितियां हैं, ये आप ही तय करें कि क्या लोकतंत्र सुरक्षित है।
इसके पहले श्री प्रजापति ने कहा कि आज वे फिर से उन नौ कांग्रेस विधायकों का इंतजार कर रहे थे, जिन्होंने त्यागपत्र दिया है और उन्हें उनके समक्ष उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। लेकिन वे नहीं आए। तीन घंटे तक विधायकों का इंतजार किया। दूसरी ओर समाचार माध्यमों से उनके बारे में चर्चाएं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि वे मेरे पास क्यों नहीं आ रहे हैं, जिन्होंने इस्तीफा दिया है। अध्यक्ष होने के नाते वे सभी विधायकों के संरक्षक हैं। लेकिन समाचार माध्यमों से इन विधायकों के बारे में जो सूचनाएं मिल रही हैं, उनसे उन्हें विधायकों के बारे में भी चिंता हो रही है।
आज ही राज्य के वित्त मंत्री तरुण भनोत ने भी मीडिया से कहा है कि पूरे देश में कोरोना के प्रकरण बढ़ते हुए दिखायी दे रहे हैं। दिल्ली में जिस महिला की कोरोना के कारण मृत्यु हुयी, वो तो विदेश नहीं गयी थी। लेकिन विदेश से लौटे अपने बेटे के जरिए उसे संक्रमण हुआ और उसकी मौत हो गयी। इसलिए जनता के स्वास्थ्य के प्रति चिंता सबसे पहले है और सभी को करना भी चाहिए।
राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने मीडिया से कहा कि जयपुर, हरियाणा और बंगलूर से लौटने वाले विधायकों का भी स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाना चाहिए, क्योंकि वहां कोरोना के प्रकरण सामने आए हैं।
प्रशांत
वार्ता