राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Aug 18 2019 8:36PM उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर, हजारों एकड़ फसल जलमग्न
लखनऊ 18 अगस्त (वार्ता) पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में बाढ़ का कहर दिनोदिन विकराल रूप धारण कर रहा है।
जालौन,हमीरपुर,झांसी के कई इलाकों में बेतवा खतरे के निशान के करीब है जबकि कई स्थानो पर यह खतरे के निशान को पार कर चुकी है। तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना का संगम तट पर लेटे बड़े हनुमान जी को नहलाने को आतुर है। जालौन के कालपी में यमुना खतरे के निशान को पार कर चुकी है। बलिया और अयोध्या में घाघरा चेतावनी बिन्दु को पार कर तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ रही है जबकि बाराबंकी में नदी लाल निशान को पार कर चुकी है।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। घाट की तमाम सीढ़ियां पानी में डूब गई हैं। घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है और विश्व प्रसिद्ध शाम की गंगा आरती एवं शवदाह जैसे अंतिम संस्कर मकानों की छत पर आयोजित की जा रही है।
बदायूं में गंगा उफान पर है और यह खतरे के निशान को पार कर चुकी है वहीं फतेहगढ और गढमुक्तेश्वर में नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। लखीमपुर खीरी में शारदा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। इटावा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही चंबल नदी का पानी निचले इलाकों में प्रवेश कर चुका है। बाढ़ के पानी से प्रभावित जिलों के सैकड़ों गांव घिरे हुये हैं जबकि हजाराें एकड़ कृषि योग्य भूमि ने जल समाधि ले ली है।
उधर मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा का अनुमान व्यक्त किया है। इस दौरान पश्चिमी अंचल के कई स्थानों पर मूसलाधार बारिश के आसार है वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।
प्रदीप
जारी वार्ता