बेंगलुरु, 07 अगस्त (वार्ता) कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति गंभीर बनी हुई है और बाढ़ जनित घटनाओं में मरने वालों की संख्या सात हो गई है।राज्य के 30 में से 15 जिले बाढ़ की गिरफ्त में हैं जहां सामान्य जन जीवन प्रभावित है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के विभिन्न बांधों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है।
राज्य के कई जगहों पर भूस्खलन और पेड़ों के गिरने से सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित है। उत्तर कर्नाटक के कई हिस्सों और पश्चिमी घाट के अंतर्गत आने वाले जिलों में में बुधवार भी भारी बारिश हुई।
बाढ़ प्रभावित जिलों में पिछले एक सप्ताह के दौरान बाढ़ जनित घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा बुधवार को बेलगावी जिले के गोकक तालुक के लालासारा गांव में भारी बारिश की वजह से मकान की छत ढ़हने से एक महिला की मौत हो गई।
एक अन्य घटना में, शिवमोगा जिले की तुंगा नदी में एक महिला बह गई है। उसके शव की तलाश की जा रही है।
उत्तर कर्नाटक के बेगालकोट में पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से बाढ़ के पानी में फंसे दो लोगों को बचाया। राज्य की मालप्रभा, घाटप्रभा, मार्कंडेय समेत कई नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और दमकल कर्मी लोगों के बाढ़ प्रभावित स्थलों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए दिन-रात कड़ी मशक्कत कर रहे हैं।
बाढ़ की खराब स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने प्रभावित जिलों में शैक्षणिक संस्थानों की छुट्टियां तीन दिनों के लिए बढ़ा दी है।
दिल्ली की तीन दिवसीय यात्रा के बाद बुधवार को बेंगलुरु लौटे मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने घोषण की है कि सीईटी के शुल्क भुगतान की अंतिम तिथि 10 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी गई है क्योंकि राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ की वजह से छात्रों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
प्रियंका आशा
वार्ता