रोपड़ ,20 अगस्त (वार्ता) पंजाब के जल संसाधन मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया ने कहा है कि फिलहाल राज्य में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है तथा हालात पर पूरी तरह नजर रखी जा रही है ।
उन्होंने आज यहां कहा कि बाढ़ के कारण जहां जहां तटबंधों में दरार पड़ी या जो नुकसान हुआ उसकी मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर जारी है । यदि पिछले तीन दिनों में इतनी बारिश न होती तो ये हालात पैदा न होते । हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने यह कहर बरपाया जो भाखड़ा बांध से पानी छोड़ना पड़ा तथा कुछ नदियों के उफान पर होने से बाढ़ के हालात पैदा हुये । बाढ़ का पानी राज्य के करीब अस्सी गांव में घुस गया जिससे सैकड़ों परिवार बेघर हुये ।
उन्होंने कहा कि फिलहाल मौजूदा हालात से निपटने की कोशिशें जारी हैं तथा बचाव तथा राहत कार्य जोरों पर हैं क्योंकि कई गांव अभी ऐसे हैं जहां बाढ़ की स्थिति बनी हुई है । बाढ़ का पानी उतरना शुरू हो गया है । सभी तटबंधों की मरम्मत तथा जरूरी काम पूरे कराये जा रहे हैं । इन कार्यों के लिये पैसे की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी । सरकार ने बाढ़ को प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया गया है तथा फौरी तौर पर राहत कार्यों के वास्ते सौ करोड़ देने का ऐलान किया है ।
ज्ञातव्य कि अब तक करीब दो सौ गांव बाढ़ से प्रभावित हुये हैं । सबसे ज्यादा सतलुज नदी ने कहर बरपाया । जालंधर , फिल्लौर , लुधियाना ,आनंदपुर साहिब , रोपड़ ,फिरोजपुर जिले के सैकडों गांवों बाढ़ की चपेट में हैं । इन जिलों में रेलवे ने रूट बदले हैं तथा सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा क्योंकि बाढ़ का पानी सड़कों को बहा ले गया । पंजाब में वर्ष 1988 में बाढ़ आयी थी । जिन गांवों में सतलुज नदी के तटबंधों में दरार आयी है उनमें हालात बहुत खराब हैं । लोग बेघर हो गये हैं तथा खुले आसमान के नीचे समय काटने को मजबूर हो गये हैं । हालांकि सरकार ने उनके रहने के लिये इंतजाम किये हैं ।