नयी दिल्ली, 23 जनवरी (वार्ता) आल इंडिया शरिया परिषद के नवनिर्वाचित अमीर मौलाना सलमान हुसैनी नदवी ने आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में मार्गदर्शन की कमी को मुसलमानों की दुर्दशा का कारण करार देते हुए कहा है कि अखिल भारतीय शरिया परिषद की स्थापना का उद्देश्य मुसलमानों का धार्मिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में मार्गदर्शन करना है।
श्री नदवी ने सोमवार को यहां एक बयान में कहा कि मुसलमानों को धर्म, ज्ञान,अर्थव्यवस्था और राजनीति के क्षेत्र में शरिया की ओर निर्देशित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा परिषद का मकसद कुरान और वसीरत का संदेश भी देश के सभी लोगों तक पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही परिषद के उद्देश्यों में सहिष्णुता, महिला सशक्तिकरण, ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम, युवाओं का चरित्र निर्माण, शांति के लिए प्रयास, लोगों की सेवा, लेखन और संकलन, आधुनिक पुस्तकालयों की स्थापना आदि शामिल हैं। शिक्षा, शरिया और इस्लामी विज्ञान महाविद्यालय, कुरान का प्रचार, इस्लाम का पुनरुद्धार, मुसलमानों की एकता, मानवता का कल्याण, शांति की स्थापना तथा बौद्धिक और आध्यात्मिक प्रशिक्षण के लिए मूल्यवान सेवाएँ भी परिषद के कार्यक्रमों में शामिल हैं।
गौरतलब है कि परिषद की स्थापना विभिन्न राज्यों के विद्वानों की देखरेख में हैदराबाद में की गई, जिसमें मौलाना सलमान हुसैनी नदवी इसके अमीर और मौलाना अली पाशा कादरी उपाध्यक्ष चुने गये। मौलाना मुफ्ती फारूक कासमी राष्ट्रीय महासचिव निर्वाचित किये गये। मौलाना मुहम्मद हिलाल कासमी, डॉ राशिद शरीफ, इम्तियाज हमीद खान, मस्टर उमेर, मुफ्ती मुहम्मद इस्माइल कासमी, मुफ्ती अबसार, मुफ्ती मुहम्मद मुमताज कासमी सदस्य चुने गये।
श्रवण
वार्ता