चंडीगढ़, चार अक्टूबर(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि राज्य में विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण , गिरदावरी तथा इमेजिंग का कार्य तत्परता से निपटाने के लिए ड्रोन इमेजिंग एंड इन्फोरमेशन सर्विस आफ हरियाणा लिमिटेड (DRIISHYA) का गठन किया गया है।
श्री खट्टर आज यहां DRIISHYA के निदेशक मंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब राज्य में हर वर्ष भौतिक तौर पर किए जाने वाले सर्वेक्षण कार्यो में आने वाली दिक्कतें दूर हो सकेंगी और सर्वेक्षण वैज्ञानिक तरीके के किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि समय समय पर किए जाने वाले भौतिक सर्वेक्षण में काफी समय और धन लगता है और अधिक मानव शक्ति का भी इस्तेमाल होता है। अब ड्रोन के माध्यम से अवैध कब्जों को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इमेज विश्लेषण के लिए भी सूचना एकत्र की जा सकेगी। इस प्रकार ड्रोन व्यवस्था कई तरह की समस्याओं का निवारण करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में यह एक अनूठी शुरूआत है। इसका उपयोग राजस्व के अलावा खनन, वन, यातायात, नगर एवं योजना विभाग, कृषि आदि विभागों में किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इस कम्पनी का मुख्यालय करनाल में बनाया गया है और यह ड्रोन की खरीद करने के लिए नोडल एजेंसी होगी। इससे मैपिंग, भूमि रिकॉर्ड, आपदा प्रबंधन एवं आपातकालीन सेवाएं, शहरी क्षेत्र में योजनागत विकास करने में मदद मिलेगी।
बैठक में श्री खट्टर को ‘ दृष्या’ का चेयरमैन मनोनीत किया गया है और मुख्य सचिव विजय वर्धन को वरिष्ठ उपाध्यक्ष लगाया गया है। इसके अलावा निदेशक मंडल में 10 निदेशक नियुक्त किए गए हैं और टी. एल. सत्यप्रकाश को कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा करनाल के उपायुक्त निशांत यादव को अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी लगाया गया है।
बैठक में ड्रोन पायलट के प्रशिक्षण हेतु इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी के साथ समझौते पर हस्ताक्षण करने की अनुमति प्रदान की गई। बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी. एस. ढेसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, टीवीएसएन प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर तथा एचएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
रमेश1822वार्ता