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भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद लोधी को उच्च न्यायालय से मिली अंतरिम राहत

भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद लोधी को उच्च न्यायालय से मिली अंतरिम राहत

जबलपुर, 07 नवंबर (वार्ता) एक आपराधिक मामले में भोपाल की विशेष अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता खोने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक प्रहलाद लोधी को आज उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत मिल गयी।

राज्य उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधीश वी पी एस चौहान ने पवई से भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद लोधी की दो साल की सजा को अगले दो माह के लिए निलंबित कर दिया। इस मामले की अगली सुनवायी आगामी सात जनवरी तय की गयी है। अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में यह भी कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष का विधायक की सदस्यता समाप्त करने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया प्रतीत होता है। विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।

इसके पहले कल इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने अपना अंतरिम आदेश आज दिया।

पन्ना जिले में एक सरकारी अधिकारी को बीच सड़क पर रोककर उनके साथ मारपीट करने से जुड़े आपराधिक मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने एक सप्ताह पहले प्रहलाद लोधी समेत लगभग एक दर्जन आरोपियों को दोषी पाते हुए दो साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई थी। हालांकि लोधी को तत्काल जमानत का भी लाभ मिल गया।

इसके दो दिन बाद ही दो नवंबर को विधानसभा ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए प्रहलाद लोधी की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी और संबंधित पवई विधानसभा सीट को रिक्त घोषित करते हुए इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को भेज दी।

पूर्व विधायक की ओर से उच्च न्यायालय में दायर की गयी याचिका में सजा तथा विधानसभा की सदस्यता समाप्त किये जाने को चुनौती दी गयी है। याचिका में कहा गया है कि अवैधानिक तरीके से उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त की गयी है। उन्हें सुनवाई का कोई अवसर प्रदान नहीं किया गया, जो प्राकृतिक न्यायालय के खिलाफ है।

याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि उच्चतम न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर जनप्रतिनिधि की सदस्यता तत्काल समाप्त कर दी जाये। याचिका के संबंध में दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

याचिकाकर्ता की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता आर एन सिंह तथा पुरूषेन्द्र कौरव और सरकार की तरफ से महाधिवक्ता शशांक शेखर ने पैरवी की है।

सं प्रशांत विश्वकर्मा

वार्ता

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