नयी दिल्ली 16 दिसम्बर (वार्ता) केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लाॅक आवंटन में भ्रष्टाचार के दोषी करार दिये गये झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता व दो अन्य आरोपियों को तीन-तीन वर्ष की कैद की सजा सुनायी है, इसके साथ ही कोड़ा पर 25 लाख रुपये और एच.सी. गुप्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने कम्पनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) पर भी 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
अदालत ने कोड़ा और अन्य आरोपियों को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिये उनकी दो महीने की जमानत याचिका मंजूर कर ली है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने बुधवार को कोड़ा, गुप्ता, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव ए.के. बसु, विजय जोशी को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में आपराधिक साजिश तथा भ्रष्टाचार का दोषी करार देते हुये फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था।
सीबीआई ने दिसम्बर 2014 में वीआईएसयूएल के पक्ष में कोयला ब्लॉक आवंटन में भ्रष्टाचार को लेकर कोड़ा और तीन अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
सीबीआई की अदालत ने 14 जुलाई 2015 को आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी तथा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप तय करने के निर्देश दिये थे और 31 जुलाई 2015 को आरोप तय कर दिया गया।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि वीआईएसयूएल ने 08 जनवरी 2007 को राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन दिया था। झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक का आवंटन करने की सिफारिश नहीं की, इसके बावजूद 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने आरोपी कंपनी को ब्लॉक देने की सिफारिश कर दी।
स्क्रीनिंग कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष एच.सी. गुप्ता ने यह तथ्य तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से छुपाया था कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक का आवंटन करने की सिफारिश नहीं की है। उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार डॉ. सिंह के पास ही था।
सं. टंडन
वार्ता