राज्यPosted at: Aug 3 2019 10:55PM मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति गफूर स्वदेश भेजे गये
तूत्तुक्कुडि (तमिलनाडु), 03 अगस्त (वार्ता) मालदीव के पूर्व उप राष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफूर को देश में अवैध तरीके से घुसने के बाद शनिवार को वापस उनके देश भेज दिया गया।
उप राष्ट्रपति को टग बोट ‘वर्गो 9’ के चालक दल के सदस्य के रूप में अवैध तरीके से गुरुवार शाम समुद्र के रास्ते भारत में घुसने की कोशिश के दौरान केंद्रीय एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया था।
इस बीच, भारतीय अधिकारियों ने उन्हें और टग बोट ‘वर्गो 9 को देश में प्रवेश करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर कहा है कि देश में आने के लिए नामित प्रवेश द्वार है जहां से कोई भी विदेशी नागरिक वैध यात्रा दस्तावेजों के आधार पर भारत में प्रवेश ले सकता है।
मंत्रालय ने कहा,“ इस मामले में श्री गफूर क्योंकि नामित प्रवेश द्वार की बजाय अवैध तरीके से देश में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे इसलिए उन्हें भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी।”
उल्लेखनीय है कि श्री गफूर टग बोट ‘वर्गो 9’ के चालक दल के सदस्य के रूप में अवैध तरीके से गुरुवार शाम समुद्र के रास्ते भारत में घुसने का प्रयास कर रहे थे लेकिन तूत्तुक्कुडि ओल्ड हारबर से करीब 50 मीटर दूर ही उनकी बोट को जब्त कर लिया गया था जिसके बाद ख़ुफ़िया एजेंसियों ने उनसे पूछताछ भी की थी।
एजेंसियों द्वारा पूछताछ के बाद भारतीय तटरक्षक बल ने श्री गफूर को अंतराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर ले गए थे जहां से उन्हें मालदीव तटरक्षक बल के अधिकारियों को सौंप दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि मालदीव के अधिकारियों ने श्री गफूर को शनिवार को अपनी हिरासत में ले लिया और इसके साथ पूरी प्रक्रिया प्रणाली भी संपन्न कर ली गयी।
इससे पहले श्री गफूर और चालक दल के सदस्यों की चिकित्सीय जांच भी की गयी और उन्हें यहां से भेजने से पहले भोजन सामग्री भी दी गयी।
मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति के अलावा अन्य नौ चालक दल के सदस्यों को भी मालदीव के अधिकारियों को सौंप दिया गया जिनमें से आठ इंडोनेशिया के जबकि एक भारत का निवासी हैं।
गफूर को मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम की 28 सितंबर 2015 को हत्या की कोशिश समेत विभिन्न आरोपों में 33 वर्ष की कैद की सजा सुनायी गयी है।
गफूर 22 जुलाई 2015 काे मालदीव के पांचवें उप राष्ट्रपति चुने गये थे। उन्हें पांच नवंबर 2015 को विश्वास मत हासिल नहीं कर पाने के कारण पद से हटा दिया गया था। इससे पहले वह पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री भी रहे।
मालदीव के उच्च न्यायालय ने श्री गफूर के खिलाफ तीन मामलों में से दो के लिए नये सिरे से सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया है।
जतिन.श्रवण
वार्ता