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लोकरुचि


पत्नी की याद सतायी तो फ्रांसिसी कैदी ने जेल में ही बना डाला ताजमहल

पत्नी की याद सतायी तो फ्रांसिसी कैदी ने जेल में ही बना डाला ताजमहल

महराजगंज, 26 दिसम्बर (वार्ता) मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में जेल की सजा काट रहे फ्रांस के एक कैदी ने नये साल में पत्नी को नायाब तोहफा देने के लिये माचिस की तीलियों को जोड़कर ताजमहल का प्रतिरूप तैयार किया है। उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिला कारागार में मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम (एनडीपीएस) के तहत सजा काट रहे फ्रांस के कैदी एलवर्ट पास्कल शाइने की कारीगारी का नमूना देख पूरा जेल महकमा मुरीद है। बैरक के बंदी साथियों की मदद से एलवर्ट ने फेवीकोल से माचिस की तीली को जोड़कर ताजमहल बनाया है। नए साल पर पत्नी को देने के लिए इस नायाब तोहफे को जेल प्रशासन ने सुरक्षित रखने के प्रबंध किये हैं। जेल प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि कैदी ने तीस हजार तीली और दो किग्रा फेवीकोल से ताज का प्रतिरूप तैयार किया है। जिला कारागार के जिस बैरक में एलवर्ट पास्कल शाइने कैद है उसी बैरक में ठूठीबारी क्षेत्र के किशुनपुर गांव निवासी धीरेन्द्र पटेल चरस तस्करी के आरोप में दो दिसंबर 2015 से बंद है। उसमें मनौव्वर नाम का भी एक बंदी है।


          बैरक में भाषाई दिक्कत से एलवर्ट गुमशुम रहता था। तन्हाई में वह अपनी कारीगरी को कैनवस पर उतारने लगा। जिसे देख बैरक के अन्य बंदी उसके करीब आए गए। दोस्ती होने पर एलवर्ट ने जुदाई की तड़प को संकेतों के माध्यम से इजहार किया जिस पर धीरेन्द्र पटेल मनौव्वर आदि ने उसके सामने ताजमहल बनाने का प्रस्ताव रखा। जेल के अधिकारियों ने कारीगरी देख उसको हुनर दिखाने का साजो सामान मुहैया कराया। तीस हजार माचिस की तीली और दो किग्रा फेविकोल से एलवर्ट धीरेन्द्र मनौव्वर तथा बैरक के अन्य साथियों ने ताजमहल की खूबसूरत कलाकृति बना दिया। कैदी की अनूठी कलाकृति देख सभी बेसाख्ता वाह ताज बोलने को विवश हो रहे हैं। एलवर्ट का कहना है कि जेल में बनाया गया ताज प्यार व सहयोग की निशानी है। वह इसे अपनी पत्नी को नए साल में गिफ्ट करेगा। कैदी का कहना है कि जब कोई उससे मिलने आएगा तो उसी के हाथों महराजगंज जेल में बना ताजमहल फ्रांस अपनी पत्नी के पास भेजेगा।


         सूत्रों ने बताया कि एलवर्ट को सोनौली में गिरफ्तार किया गया था। वह अपने मुल्क से ताजमहल का दीदार करने आगरा जा रहा था मगर बार्डर पर वह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन में फंस कर जिला जेल महराजगंज पहुंच गया। ताजमहल की कलाकृति बनाने के बाद फ्रांसिसी कैदी अब माचिस की तीली का हेलीकाप्टर बनाने में जुट गया है। ताजमहल ने इन कैदियों के हौसले को नया आयाम दे दिया है। उनका कहना है कि जेल के अफसरों के सहयोग से ही उनके अंदर की छिपी प्रतिभा सामने आई है। जेलर आर के सिंह ने बताया कि फ्रांसिसी कैदी ने जेल में बंद बैरक के साथी धीरेन्द्र, मनौव्वर आदि के सहयोग से माचिस की तीली का ताजमहल बनाया है। इस नायाब कलाकृति को सुरक्षित रखने के लिए जेल में एलवर्ट के साथ बंद कैदी धीरेन्द्र पटेल के गांव किशुनपुर भेजा गया है। अब फ्रांस से कोई एलवर्ट पास्कल से मिलने आएगा तो प्रेम का प्रतीत ताजमहल उसको सौंप दिया जाएगा।


 

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