नयी दिल्ली 22 फरवरी (वार्ता) नीति आयोग ने कहा है कि भारत में परिवहन व्यवस्था काे कार्बन मुक्त करने के लिए विशेष सक्रियता से काम किया जा रहा है और पर्यावरण के अनुकूल यातायात प्रणाली बनाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी और वित्त पोषण महत्वपूर्ण है।
आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने मंगलवार को यहां एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में स्वच्छ परिवहन को और प्रोत्साहन देने के लिए वित्तीय साधनों की आवश्यकता है। इसके लिए राज्यों, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों, निर्माताओं और ऑपरेटरों को एकसाथ आना होगा। उन्होंने कहा, “हमें ऐसे वित्तपोषण तंत्र के साथ आना चाहिए जो व्यापक रूप से लागू हों, स्वीकार्य हों और सबसे महत्वपूर्ण, उसे टिकाऊ होना चाहिए। हमें निजी क्षेत्र के निवेश का लाभ उठाकर और ई-बसों के लिए वित्तपोषण उपलब्ध कराके सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना चाहिए, जो हमारे शहरों में परिवहन का मूल है।”
उन्होंने कहा कि इसमें व्यापक उद्देश्य अपने नागरिकों की जरूरतों और आकांक्षाओं को संतुलित करना, कनेक्टिविटी में सुधार करके जीवनयापन और उत्पादकता में सुधार करना होना चाहिए। इसमें पर्यावरण, वित्त, जलवायु-केंद्रित और टिकाऊ, कम लागत, और स्वच्छ परिवहन में तेजी लाना होना चाहिए। उन्होेंने कहा कि सस्ती पूंजी इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम करेगी।
सत्या, उप्रेती
वार्ता