मुंबई, 03 जनवरी (वार्ता) भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के कोच और द्रोणाचार्य अवार्डी रमाकांत विथाल आचरेकर का गुरूवार यहां अंतिम संस्कार कर दिया गया।
आचरेकर के अंतिम संस्कार के समय उनके शिष्य सचिन, विनोद कांबली, बलविंदर सिंह संधू और चंद्रकांत पंडित तथा कई अन्य खिलाड़ी भी मौजूद थे। आचरेकर का कल लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वह 86 वर्ष के थे। उनके पार्थिव शरीर को शिवाजी पार्क में दर्शनार्थ रखा गया था जहां उन्होंने सैंकड़ों उभरते क्रिकेटरों को खेल की बारीकियां सिखाई थीं। उनके पार्थिव शरीर को शिवाजी पार्क से नज़दीक के शमशान घाट ले जाया गया।
सचिन ने अपने गुरु की अर्थी को कंधा दिया। आचरेकर से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा खिलाड़ियों ने शव यात्रा के दाैरान ‘आचरेकर अमर रहें ’ का नारा लगाया। अतुल रानाडे, अमोल मुजूमदार, रमेश पोवार, पारस म्हांब्रे, रणजी कोच विनायक सामंत, नीलेश कुलकर्णी और विनोद राघवन अंतिम संस्कार में शामिल हुये।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे, भाजपा विधायक आशीष शेलार और महापौर विश्वनाथ महादेश्वर ने आचरेकर को श्रद्धांजलि दी।
भारत रत्न सचिन के गुरु आचरेकर को क्रिकेट में उनके बेहतरीन योगदान के लिए वर्ष 1990 में द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित किया गया था और उसके बाद वह वर्ष 2010 में पद्मश्री से सम्मानित किए गए थे। वर्ष 2010 में ही उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
आचरेकर ने 1943 में क्रिकेट खेलना शुरू किया था और 1945 में वह न्यू हिंद स्पोर्ट्स क्लब के लिए क्लब क्रिकेट खेले थे। उन्होंने यंग महाराष्ट्र इलेवन, गुल मोहर मिल्स और मुंबई पोर्ट के लिए भी खेला था। उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लिए सिर्फ एक प्रथम श्रेणी मैच 1963 में हैदराबाद के खिलाफ खेला था।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और मुंबई क्रिकेट संघ ने आचरेकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।