जेनेवा/नयी दिल्ली 16 अक्टूबर (वार्ता) 149वीं अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) एसेंबली में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जेनेवा में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि शांति और अहिंसा के प्रतीक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से आज भी विश्व के नेताओं तथा राष्ट्रों को प्रेरणा मिलती है। श्री बिरला ने कहा कि गांधीजी की शिक्षाएं देशकाल की सीमाओं से परे हमें याद दिलाती हैं कि जलवायु परिवर्तन, महिला -पुरुष समानता या संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान एकजुटता, संवेदनशीलता और सहयोग से ही किया जा सकता है।
इस बीच श्री बिरला ने विभिन्न देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के साथ संसदीय रुचि के मुद्दों पर विचार साझा किए।
स्विट्जरलैंड की नेशनल काउंसिल के प्रेसिडेंट एरिक नसबामर के साथ बातचीत करते हुए, श्री बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि पिछले साल भारत और स्विट्जरलैंड के बीच मैत्री संधि के 75 पूरे हुए। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने और बहुपक्षीय मंच पर सहयोग बढ़ाए जाने पर जोर दिया।
दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग को और मजबूत करने का आग्रह करते हुए श्री बिरला ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का एक महत्वपूर्ण आयाम है। उन्होंने भारत और स्विट्जरलैंड की घनिष्ठता को बढ़ाने में स्विस-भारत संसदीय मैत्री समूह की सराहना की ।
थाईलैंड की सीनेट के प्रेसिडेंट मोंगकोल सुरसाज्जा से मुलाकात के दौरान श्री बिरला ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश, संपर्क, संस्कृति और पर्यटन, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, तथा लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों पर विचार साझा किए।
आर्मीनिया की नेशनल एसेंबली के प्रेसिडेंट एलन सिमोनियन से बातचीत के दौरान श्री बिरला ने भारत और आर्मीनिया के बीच साझा मूल्यों और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरी मित्रता की भावना पर आधारित सौहार्दपूर्ण संबंधों के बारे में बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की आबादी युवा है और राजनीतिक स्थिरता होने के कारण यहाँ अपार अवसर हैं , इसलिए दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश की साझेदारी को बढ़ाने की संभावनाएँ है। श्री बिरला ने कहा कि दोनों देश व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ावा देकर भारत के बदलते आर्थिक परिदृश्य से लाभान्वित हो सकते हैं।
मालदीव की पीपुल्स मजलिस के स्पीकर अब्दुल रहीम अब्दुल्ला से मुलाकात के दौरान श्री बिरला ने कहा कि भारत और मालदीव के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं, जो दोनों देशों के नागरिकों के कल्याण में सहायक रहे हैं । लोक सभा अध्यक्ष ने विश्वास व्यक्त किया कि सर्वोत्तम संसदीय प्रथाओं को साझा करने से लोकतांत्रिक प्रणालियों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने लोक सभा सचिवालय के प्राइड संस्थान द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मालदीव की भागीदारी बढ़ाने की बात करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों में लोकतांत्रिक सिद्धांतों को और बढ़ावा देने में मदद मिलेगी ।
लोक सभा अध्यक्ष ने नेपाल की राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण प्रसाद दहल से भी मुलाकात की। इस बात पर जोर देते हुए कि भारत और नेपाल न केवल पड़ोसी देश हैं, बल्कि साझा इतिहास और संस्कृति के संरक्षक भी हैं, लोक सभा अध्यक्ष ने दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख किया जिसके कारण दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं। उन्होंने दोनों संसदों के बीच परस्पर लाभकारी संवाद की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सांसदों के बीच उद्देश्यपूर्ण संवाद से दोनों देशों के घनिष्ठ संबंध और मजबूत होने के साथ ही लोकतांत्रिक मूल्य और सुदृढ़ होंगे।
श्री बिरला ने यह भी कहा कि भारत की ‘नेबरहुड फ़र्स्ट’ नीति में नेपाल का प्रमुख स्थान है। इसके साथ ही उन्होने सभी क्षेत्रों में दोनों देशों के विशेष संबंधों को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
संजय
वार्ता