राज्य » राजस्थानPosted at: Jan 18 2020 2:54PM गांधीवादी कार्यकर्ता कृष्णचंद्र सहाय ने भिखारी की तरह जीवन बिताया
जयपुर,18 जनवरी (वार्ता) चम्बल घाटी शांति मिशन के वरिष्ठ गांधीवादी कार्यकर्ता एवं गोवा मुक्ति आंदोलन के स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण चंद्र सहाय ने भिखारी की तरह जीवन बिताया।
कृष्ण सहाय बहुत कम पढ़े लिखे थे, लेकिन गांधी जी के कामों एवं विचारों से पूरे परिचित थे तथा उसी अनुरूप अपना जीवन भी चलाते थे। गांधीवादी सुब्बाराव के साथ उन्होंने चम्बल घाटी मिशन की स्थापना की तथा कुख्यात दस्युओं का आत्मसमर्पण करवाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन का आतंक चरम पर था तब उन्होंने उसे आत्मसमर्पण करवाने का गंभीर प्रयास किया।
शुरु में उनकी राजनीति में भी रुचि रही तथा वह सोशलिस्ट पार्टी में रहकर कई बार जेल गये। फिर राजनीति से मोह भंग होने पर वह गांधीवादी आंदोलनों में भाग लेने लगे। दिवंगत सहाय बचपन से ही अनीश्वरवादी थे, लिहाजा मृत्युपूर्व उन्होंने देहदान का संकल्प पत्र भर दिया था। उनका पांच जनवरी को रात 11 बजे निधन होने पर उनकी इच्छा के अनुरुप ही छह जनवरी को उनकी देह जयपुर के सवाई मान सिंह चिकित्सालय में दान कर दी गयी।
पारीक सुनील
वार्ता