जयपुर, 15 जनवरी (वार्ता) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि संविधान में उल्लेखित मूल कर्तव्य ही गांधी जी के विचार हैं।
श्री मिश्र ने आज यहां होटल क्लार्क्स में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और क्लार्क्स ग्रुप के संस्थापक बाबू ब्रजपाल दास की जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि मूल कर्तव्यों के अनुरूप कार्य करके हम राष्ट्र के विकास में सक्रिय भागीदारी निभा सकते हैं। इस मौके पर जयपुर के 30 विद्यालयों के करीब एक हजार बच्चों को राज्यपाल ने संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया।
श्री मिश्र ने कहा कि गांधीजी में भारतीयता के प्रति दृढ़ भावना थी। उनका दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम था। वह साहसी और वीर पुरूष थे। उनका आभूषण अहिंसा था। उन्होंने कहा कि सिद्वांतविहीन राजनीति, नैतिकताविहीन कार्य, चरित्र विहीन जीवन और मानवताविहीन विज्ञान पाप होते हैं। श्री मिश्र ने कहा बाबू ब्रजपाल दास की सामाजिक, पारिवारिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में महती भूमिका थी। वह प्रेरणा के केन्द्र बिंदु हैं।
समारोह में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सुपौत्र राजमोहन गांधी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी निडर थे। वह अहिंसा के पुजारी थे। जेल जाने और गोली खाने के लिए वह सदैव तैयार रहते थे। गांधीजी किसी से कम या ज्यादा नहीं थे और न ही किसी से श्रेष्ठ और निम्न थे। भारतीय स्वतत्रंता संग्राम का नेतृत्व गांधी जी ने ही किया था। उन्होंने सदैव दोस्ती फैलाई और देश में नफरत हटाने का काम किया।
समारोह में श्री मिश्र ने डाॅ. जैक रीस, दीपक कालरा, फैथ सिंह, धर्मेन्द्र कंवर और डाॅ. शमशेर चन्द्र भण्डारी को शाॅल ओढ़ाकर एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान करके सम्मानित किया।
सुनील
वार्ता