नई दिल्ली, 24 जून, (वार्ता) दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण रैलियों में से एक वर्ल्ड रैली चैम्पियनशिप (डब्ल्यूआरसी) सफारी केन्या की शुरूआत हो चुकी है, जिसमें डब्ल्यूआरसी के दिग्गज शीर्ष पायदान के खिताबों के लिए मुकाबला करनेे जा रहे हैं। अर्जुन पुरस्कार विजेता गौरव गिल भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो 2019 में तुर्की और ऑस्ट्रेलिया रैली के बाद ग्रिड पर वापसी कर रहे हैं। गिल पहली बार ब्राज़ील के को-ड्राइवर गैबरियल के साथ स्कोडा फाबिया रैली 2 कार पर ड्राइव करते हुए डब्ल्यूआरसी 2 पर वापसी करेंगे।
डब्ल्यूआरसी ग्रिड पर नौ बार विश्व चैम्पियन रह चुके एम-स्पोर्ट फोर्ड प्यूमा रैली 1 के सेबेस्टियन लोएब और आठ बार वर्ल्ड चैम्पियन रह चुके टोयोटा गाज़ो रेसिंग के सेबेस्टियन ओजियर हिस्सा लेंगे, जिन्होंने पिछले साल सफारी रैली केन्या में जीत हासिल की थी। हमारे भारतीय ड्राइवर गिल का मुकाबला चैम्पियनशिप के सर्वोच्च दावेदार स्कोडा फाबिया रैली पर ड्राइव करने वाले पॉलिश ड्राइवर काजेटन काजेटनोविक्ज़ और चैक के मार्टिन प्रोकोप के साथ होगा जो ट्रस्टी फोर्ड फीस्टा रैली पर सवार होकर मैदान में उतरेंगे।
गिल ने शेकडाउन में सबसे तेज़ समय का रिकॉर्ड दर्ज करते हुए स्टाइल के साथ सफारी रैली कैम्पिंग की शुरूआत की थी, जो मूल रूप से डब्ल्यूआरसी 2 ग्रिड में रैली की तैयारी के लिए ऑफिशियल आइटनेरी का भाग है, जिसमें आठ विश्वस्तरीय ड्राइवर शामिल हैं।
सीज़न के सबसे मुश्किल आयोजनों में एक इस रैली में गिल ने अपनी ड्राइविंग क्षमता एवं नियन्त्रण का प्रदर्शन किया और डब्ल्यूआरसी 2ग्रिड में अपनी मशीन एसएस1- सुपर स्पेशल कासारानी पर 3ः32.9 का सबसे तेज़ टाइम दर्ज किया, वे लीडर ओजियर से मात्र 14.1 सैकण्ड पीछे रहे, जो डब्ल्यूआरसी1 में टोयोटा पर ड्राइव कर रहे थें
अपने परफोर्मेन्स के बारे में बात करते हुए गौरव गिल ने कहा, ‘‘हमने शेकडाउन में अपनी टीम के लिए अच्छी शुरूआत की, जिससे आज हमें एक बार फिर से सबसे तेज़ टाईम दर्ज करने में मदद मिली। हम अपने बुनियादी रणनीतियों में सुधार ला रहे हैं, ताकि आने वाले चरणों में हम अच्छे परिणाम दे सकंे। यह लम्बी और चुनौतीपूर्ण रैली है। हम अपने परफोर्मेन्स को बेहतर बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते रहेंगे और उम्मीद है कि पोडियम लेकर ही आएंगे।’
363.44 किलोमीटर के 19 मुश्किल विशेष चरणों के साथ कुल 1223.77 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इस रैली की शुरूआत गुरूवार को सेंट्रल नैरोबी से हुई। शुक्रवार को रैली लेक नैवाशा के उत्तरी और दक्षिणी भाग से होकर गुज़रेगी, इन चरणों में लोलडिया (191.7 किलोमीटर) और नया चरण - जियोथर्मल (11.68 किलोमीटर) शामिल होगा, जिसमें राइडरों को पथरीली पहाड़ियों- और केडोंग (31.25 किलोमीटर) की चढ़ाई भी करनी होगी, जो रैली का सबसे लम्बा चरण होगा।
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