नयी दिल्ली 31 मई (वार्ता) वित्त वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत दर्ज की गयी है।
सरकार के शुक्रवार को यहां जारी आंकड़ों के अनुसार आलोच्य वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रही। बीते वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में लगातार गिरावट का रुख बना रहा। वित्त वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में सात प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और अंतिम तिमाही में 5.8 प्रतिशत रही। पिछली सात तिमाहियों में देश की जीडीपी वृद्धि दर पहली बार चीन की जीडीपी वृद्धि दर से नीचे आयी है। बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत थी।
वित्त वर्ष 2018-19 में सकल राष्ट्रीय आय 139.32 लाख करोड़ रुपए रही जबकि इससे पहले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 130.34 लाख करोड़ रुपए पर था। आलोच्य वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक लाख 26 हजार 40 रुपए दर्ज की गयी है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह एक लाख 14 हजार 958 रुपए रही थी।
जीडीपी की वृद्धि दर मापने के लिए कृषि पैदावार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, रेलवे, सड़क परिवहन, संचार, बैंकिंग, बीमा और सरकारी राजस्व व्यय के आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है। आंकड़ों के अनुसार बीते वित्त वर्ष के दौरान लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की जीडीपी वृद्धि दर 8.6 प्रतिशत से अधिक रही है। निर्माण क्षेत्र में 8.7 प्रतिशत, वित्त, भू संपदा और विशेषज्ञता सेवाओं में 7.4 प्रतिशत, बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य सेवाओं में सात प्रतिशत वृद्धि हुई है। इसके अलावा कृषि, वनोपज और मछली पालन में 2.9 प्रतिशत, खनन में 1.3 प्रतिशत, विनिर्माण एवं व्यापार, होटल, परिवहन और संचार में 6.9 प्रतिशत और प्रसारण संबंधी सेवाओं में 6.9 प्रतिशत वृद्धि दर रही है।