जयपुर 13 नवम्बर (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के प्रतिष्ठित जयपुर स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) को मानद विश्वविद्यालय (डीम्ड यूनिवर्सिटी) का दर्जा मिलने से अब संस्थान अपनी जरूरत के हिसाब से सिलेबस तैयार कर सकेगा और बेहतर शोध कार्य होंगे जिसका लाभ आयुर्वेद के विकास में मिलेगा।
श्री गहलोत आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी की जयंती पर शुक्रवार को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर को मानद विश्वविद्यालय के रूप में और जामनगर (गुजरात) के आयुर्वेद शिक्षण एवं शोध संस्थान को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में राष्ट्र को समर्पित करने के कार्यक्रम के दौरान वीसी के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
श्री गहलोत ने कहा कि 175 साल पहले इस संस्थान की शुरूआत 1845 में बाईजी के मंदिर, जयपुर में हुई थी। 1946 में इसे राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय बनाया गया था। 1976 में भारत सरकार ने इस संस्थान को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का दर्जा दिया। इस प्रतिष्ठित संस्थान को आज डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है, इसके लिए मैं केन्द्र सरकार का धन्यवाद देता हूँ।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने 2003 में जोधपुर में सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्ण आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्थापना की। यह गुजरात के जामनगर आयुर्वेद विश्वविद्यालय के बाद देश का दूसरा आयुर्वेद विश्वविद्यालय है। प्रदेश में 10 आयुर्वेद, 10 होम्योपैथी, 3 यूनानी तथा 7 योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय इससे संबद्ध हैं।
रामसिंह
वार्ता