खेल » हलचलPosted at: Feb 20 2017 7:43PM ब्लाइंड टीम से पुरस्कार राशि का प्रमाण मांगने से हुआ विवाद
नयी दिल्ली, 20 फरवरी (वार्ता) दूसरा ट्वंटी-20 दृष्टिबाधित विश्वकप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के लिये सोमवार को खेल मंत्री विजय गाेयल के निवास पर आयोजित सम्मान समारोह इस दौरान पिछली पुरस्कार राशि का प्रमाण मांगने से विवाद समारोह के रूप में बदल गया। खेल मंत्री गोयल ने दृष्टिबाधित विश्वकप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम को सम्मानित करने के लिये अपने निवास पर आमंत्रित किया था। गोयल ने समारोह में टीम को 10 लाख रूपये देने की घोषणा की। लेकिन खिलाड़ी इस पर नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि पिछली बार विश्वकप जीतने पर खेल मंत्रालय की तरफ से प्रत्येक खिलाड़ी को पांच लाख रूपये और सामाजिक न्याय एवं अाधिकारिता मंत्रालय की तरफ से दो लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया था। जब खिलाड़ियों ने पिछली बार की पांच-पांच लाख रुपये की पुरस्कार राशि की बात कही तो मंत्रालय के एक अधिकारी ने उनसे इसके लिये प्रमाण मांग लिया। अधिकारी का प्रमाण मांगना था कि भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जी महंतेश सिरे से ही उखड़ गये। महंतेश बार बार यह पूछने लगे कि कौन अधिकारी है जो उनसे यह प्रमाण मांग रहा है। खेल मंत्री गाेयल ने खुद आकर महंतेश को शांत करने की कोशिश की लेकिन महंतेश का गुस्सा थमने काे तैयार नहीं था। टीम के खिलाड़ी भी भड़के हुये कह रहे थे कि क्या उन्हें बेइज्जती करने के लिये यहां बुलाया गया था। 10 लाख रूपये तो उनकी हवाई यात्रा का ही खर्चा है। गोयल के कहने पर महंतेश उनके साथ कार्यालय में गये और लगभग आधा घंटा इस मुद्दे पर बातचीत चलती रही। गोयल ने कार्यालय से बाहर आकर मीडिया से कहा कि उन्होंने महंतेश काे आश्वस्त किया है कि वह इस मामले में सभी दस्तावेज देखेंगे और यदि खिलाड़ियों को पिछली बार पांच-पांच लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी गयी थी तो इस बार भी उन्हें इतनी ही राशि जरूर मिलेगी।