राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Mar 6 2019 9:06PM प्रदेश के अजजा जिलों में गोंडी भाषा प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में होगी शामिल: कमलनाथ
भोपाल, 06 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देश की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक गोंडी भाषा को जीवंत रखते हुए बढ़ावा देने के लिये प्रदेश के अनुसूचित-जनजाति बहुल जिलों में गोंडी भाषा को प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री कमलनाथ कहा है कि गोंडी भाषा बोलने वालों की संख्या में तेजी से हो रही कमी चिंता का विषय है। इस भाषा को विलुप्त होने से बचाना जरूरी है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में आदिवासी समुदाय की समस्याओं के निराकरण के लिये 9 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया जायेगा। इस दिन प्रदेश में शासकीय अवकाश घोषित किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दुनिया के विभिन्न देशों में रहने वाले आदिवासी समुदायों की समस्याओं के निराकरण के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश में यह दिन आदिवासी समुदाय की समस्याओं के निराकरण के लिये समर्पित रहेगा।
मुख्यमंत्री ने तेंदूपत्ता संग्रहण के लिये निर्धारित प्रति मानक बोरा दर 2 हजार से बढ़ाकर 2,500 रुपये करने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश के लगभग 35 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक लाभान्वित होंगे। श्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में बड़ी मात्रा में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य किया जाता है। यह कार्य विशेषकर अनुसूचित-जनजाति के लोगों की आजीविका का मुख्य आधार है। इसलिये राज्य सरकार ने प्रति मानक बोरा संग्रहण दर में वृद्धि की है।
उन्होंने घोषणा की है कि मध्यप्रदेश शासन की शासकीय सेवाओं में भर्ती के लिये शीघ्र ही विशेष भर्ती अभियान चलाया जायेगा। अभियान के दौरान विभिन्न विभागों में विभिन्न स्तरों पर लगभग 60 हजार पद पर भर्ती की जायेगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अनुसूचित-जाति तथा अनुसूचित-जनजाति के लगभग 20 हजार रिक्त बैकलॉग पदों पर भर्ती की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को शासकीय सेवाओं में शामिल होने का अब तक का सबसे बड़ा अवसर प्राप्त होगा।
बघेल
वार्ता