नयी दिल्ली, 28 जुलाई (वार्ता) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने गुरुवार को कहा कि सरकारी महकमे को दिव्यांग जनों के मामलों में अपनी कार्यशैली बदलकर उनके कौशल विकास पर ध्यान देना चाहिए।
जनरल सिंह ने दिव्यांगजनों के लिये काम करने वाली संस्था ‘सार्थक’ शैक्षणिक ट्रस्ट के 14वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, “(सार्थक ट्रस्ट को) सरकार के महकमे से बात करनी चाहिए कि वह भी अपनी शैली को थोड़ा बदले। अभी शैली यह है कि फलां जगह पर इतने (दिव्यांग जन) हैं, आप यह सहायता प्रदान कर दीजिए। वह सोचते हैं कि हमने अपना लक्ष्य पूरा कर लिया और काम हो गया। ”
उन्होंने कहा, “ आप जब तक दिव्यांग जनों के कौशल का विकास नहीं करेंगे तो वे योग्य कैसे बनेंगे? जब तक आप उन्हें योग्य नहीं बनाएंगे, तब तक वे आम ज़िन्दगी से नहीं जुड़ेंगे और एक आम नागरिक की तरह जीने का गौरव अनुभव नहीं कर पायेंगे। ”
जनरल सिंह ने कहा कि यदि सार्थक जैसी संस्थाएं सरकारी महकमे पर दबाव बनाएं तो फर्क पड़ सकता है। उन्होंने सभा में मौजूद दिव्यांग जनों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक वे आम लोगों की तरह जीवन में शामिल होने की कोशिश नहीं करेंगे, तब तक न वह सार्थक हो पाएंगे और न ‘सार्थक’ सार्थक हो पाएगा।
उन्होंने कहा, “ अपने आसपास वालों से प्रेरणा लीजिये, अपने आसपास वालों को प्रेरणा दीजिये। ”
सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. जितेंद्र अग्रवाल ने कहा, “ हम भारत भर में 41,000 से अधिक दिव्यांग युवाओं को सक्षम करने के लिए ईश्वर के आभारी हैं। वे अब स्वतंत्र हैं और खुशी से अपने परिवारों का समर्थन कर रहे हैं। मैं सार्थक के सभी शुभचिंतकों और समर्थकों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने दिव्यांगजनों के लिए स्थायी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में प्रमुख भूमिका निभाई। ”
शादाब.श्रवण
वार्ता