लखनऊ 30 मई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निराश्रितों की मदद के लिये उनकी सरकार हर समय तैयार है।
लाकडाउन की समीक्षा बैठक में श्री योगी ने अधिकारियों को सभी निराश्रित लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस निराश्रित व्यक्ति के पास राशन न हों उसे खाद्यान्न के लिए एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। ऐसे लोगों के राशन कार्ड भी बनाए जाएं, जिससे उन्हें नियमित तौर पर खाद्यान्न मिलता रहे। हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में कोई भूखा न रहे।
उन्होने कहा कि किसी निराश्रित व्यक्ति के गम्भीर रूप से बीमार होने की दशा में, यदि उसके पास आयुष्मान भारत योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का कार्ड नहीं है, तो उसे तात्कालिक मदद के तौर पर दो हजार रुपए दिए जाये। ऐसे निराश्रितों के समुचित उपचार की व्यवस्था भी की जाए। किसी निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिवार को अन्तिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जायेगी।
श्री योगी ने कहा कि आकाशीय बिजली की घटनाओं से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाए। खराब मौसम का पूर्वानुमान होने पर समय से एलर्ट जारी करने से जनहानि को रोका जा सकता है। उन्होंने टिड्डी दल के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक रसायनों के नियमित छिड़काव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
उन्होने कहा कि बरसात के मौसम से पूर्व तालाबों से मिट्टी की खुदाई का कार्य कराया जाए। इस कार्य में मनरेगा श्रमिकों का उपयोग किया जाए। साथ ही, तालाबों से निकली मिट्टी, माटी कला बोर्ड से समन्वय करते हुए, कुम्हारों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाए। इससे जहां एक ओर तालाबों की जल संचयन क्षमता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर मनरेगा श्रमिकों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही, कुम्हारों को निःशुल्क मिट्टी मिलने से उन्हें अपने उत्पाद की लागत कम करने का मौका प्राप्त होगा। उन्होंने वृक्षारोपण अभियान में रोपित होने वाले पौधों के लिए गड्ढे खोदने का कार्य अभी से मनरेगा श्रमिकों से कराने के निर्देश भी दिए।
प्रदीप
वार्ता