राज्य » अन्य राज्यPosted at: Jun 10 2020 7:45PM उत्तराखंड परिवहन निगम के बकाये को लेकर रिपोर्ट अदालत में पेश करे सरकार
नैनीताल, 10 जून (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए बुधवार को सरकार को निर्देश दिये हैं कि राज्य परिवहन निगम का सरकार पर कितना रुपया बकाया है। अदालत ने सरकार से सोमवार तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं।
मामले की सुनवाई अाज मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ में हुई। कर्मचारी यूनियन की ओर से अदालत में एक प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि धन की कमी के कारण निगम के कर्मचारियों को पिछले दो महीने से वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। प्रदेश सरकार के पास निगम का करोड़ों रुपया बकाया है। सरकार ने उसका भुगतान नहीं कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से यह भी मांग की गयी कि उत्तर प्रदेश से आस्तियों के हस्तांतरण के बदले निगम को धन मुहैया कराया जाये।
कर्मचारी यूनियन की ओर से आज अदालत को बताया गया कि सरकार के पास निगम का 54.25 करोड़ रुपये बकाया है। इसके बाद अदालत ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार जून तक निगम को बकाया धनराशि मुहैया करा सकती है या नहीं। सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार ने निगम को बकाया राशि का भुगतान कर दिया है। जिसका निगम की ओर से विरोध किया गया।
इसके बाद अदालत ने सरकार से इस मामले में सोमवार तक विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि कितनी धनराशि का भुगतान कर दिया गया है और कितनी धनराशि शेष है। इससे पहले निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार पर 54.25 करोड़ रुपये की धनराशि बाकी है जिसमें से 36 करोड़ रुपये पर्वतीय मार्गों पर बसों के संचालन के बदले भुगतान किया जाना है जबकि 14 करोड़ रुपये लाक डाऊन के दौरान बसों के चालन और 4.25 करोड़ रूपये अन्य मदों में शेष है।
रवीन्द्र, उप्रेती