बेंगलुरु ,17 जून (वार्ता) कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने बुधवार को कहा कि सरकार बहुत जल्द प्रतिदिन न्यूनतम 15,000 नमूनों का परीक्षण करेगी।
श्री सुधाकर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य में 41 सरकारी और 31 निजी लैब के माध्यम से सोमवार को एक दिन में 7,936 नमूनों का परीक्षण किया गया था और इससे पहले नमूनों की संख्या 5,362 थी। राज्य में 15 मई को 5,351 नमूनों की जांच की गई थी।
उन्हाेंने कहा कि राज्य में भले ही कोविड-19 परीक्षण लैब की संख्या बढ़ी गई है लेकिन उसके अनुपात के तौर पर नमूनों के परीक्षण संख्या में कोई बढ़ातरी नहीं हुई है।
राज्य में लैब परीक्षण के लिए कोविड-19 टास्क फोर्स के नोडल अधिकारी सी. एन. मंजूनाथ ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में परीक्षणों में कमी आयी है क्योंकि शुरू में अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में आए प्रवासियों के कारण हम परीक्षण बढ़ाने काे मजबूर हो गए थे। अब पिछला काम खत्म हो गया है, इसलिए नमूनों की संख्या कम है और हम बिना सोचे समझे परीक्षणों पर ध्यान केन्द्रित करेंगे।”
उन्हेांने कहा, “पिछले दो सप्ताह से कोरोना संक्रमितों के मामलों में वृद्धि के कारण सरकार प्रतिदिन नमूनों के परीक्षण की संख्या 15 हजार से 25 हजार के बीच करने का प्रयास कर रही है।”
डॉ. सुधाकर ने कहा , “पुलिस और अन्य सभी कोरोना योद्धा का बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जाएगा। आईएलआई और एसएआरआई के लक्षण पाए जाने वाले उन सभी का अनिवार्य रूप से परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है।”
बीबीएमपी आयक्त ने कहा कि जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं पाया जा रहा है। उन मामलों की निगरानी के लिए कोविड-19 देखभाल केंद्र स्थापित किए जाएंगे। विभिन्न चरणों में संक्रमिताें के उपचार और निगरानी के लए सलाहकार के रूप में एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई है।
उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को भी अपनी जिम्मेदारी समझकर काम करना चाहिए और कोविड-19 के खिलाफ इस जंग में निजी अस्पतालों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्हाेंने कहा कि उन अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो मरीजों के लिए बेड होने के बावजूद कोरोना रोगियों का इलाज करने से इन्कार करते हैं।
उप्रेती जितेन्द्र
वार्ता