मथुरा,13 जनवरी (वार्ता) केन्द्रीय पशुपालन,मत्स्यपाल एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पशु नश्ल सुधार कार्यक्रम के माध्यम से केन्द्र सरकार आवारा पशुओं की समस्या इस वित्तीय वर्ष के अंत तक हल कर लेगी।
श्री सिंह ने सोमवार को यहां ‘यूनीवार्ता’ से कहा कि सरकार का यह प्रयास एक ओर आवारा पशुओं की समस्या को हल करेगा, वहीं दूसरी ओर नौजवानों को रोजगार के अवसर मुहैया कराएगा । उन्होंने दावा करते हुए कहा कि साथी यह किसानों की आमदनी बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि वैसे तो 70 के दशक में ही देश में कृत्रिम गर्भाधान की प्रणाली शुरू कर दी गई थी,लेकिन पिछली सरकारों ने इसमें अधिक रूचि नहीं ली, जिसके कारण कुछ राज्यों को छोड़कर कृत्रिम गर्भाधान का प्रतिशत मात्र 19 से 24 और अधिकतम 30 प्रतिशत था। किसान कम दूध देनेवाली गाय को पालने को मजबूर था। धीरे-धीरे लागत बढ़ने लगी तो गोपालक गोवंश को छुट्टा छोड़ने को मजबूर हो गया । सरकार इस समस्या का निराकरण बड़े पैमाने पर नश्ल सुधार कार्यक्रम चलाकर कर रही है। इससे एक ओर नश्ल सुधार में ऐसी गायों का उपयोग किया जाएगा जो या तो बांझ हैं या फिर एक या दो लीटर दूध ही देती हैं।
श्री सिंह ने बताया कि नश्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान प्रणाली का बड़े पैमाने पर प्रयोग में लाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत देश के 600 जिलों को चिन्हित किया जा चुका है। इन चुने हुए जिलों में 300 गांव में कृत्रिम गर्भाधान विधि को प्रथम चरण में प्रारंभ किया गया है, जिसके तहत राज्य सरकार के माध्यम से 25-26 हजार कृत्रिम गर्भाधान प्रतिदिन किये जा रहे हैं।
सं त्यागी
जारी वार्ता