(अशोक सिंह)
नयी दिल्ली 24 मई (वार्ता) देश में तेजी से विकसित हो रहे नवीकरणीय उर्जा क्षेत्र में 2030 तक दो करोड़ 40 लाख लोगों के लिए रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे जबकि 2017 तक एक करोड़ से अधिक ऐसे जॉब्स का सृजन किया जा चुका है।
ये आंकड़े इंटरनेशनल रिन्युवेबल एनर्जी एजेंसी द्वारा हाल में जारी की गयी रिपोर्ट में दिए गये हैं। इसी प्रकार वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की रिपोर्ट पर नज़र डालें तो पता चलता है कि वर्तमान में रिन्युवेबल एनर्जी पर आधारित वैश्विक इंडस्ट्री लगभग 1.4 खरब डॉलर के बराबर है।
यह वैश्विक एवियेशन इंडस्ट्री से दोगुनी और समूचे विश्व के परिधान कारोबार के बराबर है। इसी तथ्य से नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित वैश्विक इंडस्ट्री की विशालता का सहज ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है। यहाँ यह उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि अब भारत का नाम विश्व के शीर्ष छह राष्ट्रों में शुमार हो चुका है जहाँ पर ऐसी नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित जॉब्स का बड़े पैमाने पर सृजन हो रहा है। इन राष्ट्रों में चीन,ब्राज़ील,अमेरिका, भारत, जर्मनी और जापान शामिल हैं । इन देशों में वैश्विक स्तर पर सृजित कुल ऐसी जॉब्स की संख्या का 70% से अधिक है।
नवीकरणीय ऊर्जा का बढ़ता महत्त्व :
जलवायु परिवर्तन पर आधारित पेरिस अधिवेशन में तय किया गया था कि इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले समस्त राष्ट्र स्वच्छ ऊर्जा को अपनाएंगे। इस पहल का ही नतीजा है कि 2017 में ही दुनिया भर में एक करोड़ से अधिक ऐसे जॉब्स अस्तित्व में आये । यह सर्वविदित है कि जीवाश्म आधारित ऊर्जा स्रोतों (कोयला,पेट्रोल.डीज़ल आदि) के निरन्तर इस्तेमाल से कार्बन एमिशन का खतरा निरंतर बढ़ रहा है। इसके कारण वायुमंडल के तापमान में भी वृद्धि हो रही है और इसका असर कृषि उत्पादन सहित मानव स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। इसके अलावा जलवायु प्रदूषण तथा जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियाँ भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में ऊर्जा के अन्य कम प्रदूषणकारी वैकल्पिक स्रोतों को अपनाए जाने पर बल दिया जा रहा है। भारत में तो नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित अलग से मंत्रालय तक का गठन किया जा चुका है। यही कारण है कि वाहनों में सी एन जी फ्यूल, कोयला आधारित ऊर्जा उत्पादन पर नियंत्रण,पेट्रोल -डीज़ल वाहनों के बदले इलेक्ट्रिकल वाहन के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने का काम विश्व भर की सरकारें कर रही हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा के विभिन्न स्रोत :
इन नवीकरणीय एनर्जी के विकल्पों में सौर उर्जा , जैव ईंधन,हाइड्रो एनर्जी,तथा पवन ऊर्जाका ज़िक्र विशेषतौर पर किया जा सकता है। भारत में वर्ष भर सूर्य प्रकाश उपलब्ध रहता है। इस सौर ऊर्जा का बड़ी मात्रा में भण्डारण कर शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली प्रदान की जा सकती है। कमोबेश ऐसी ही संभावना पवन ऊर्जा से उत्पादित बिजली के बारे में कही जा सकती है।
सोलर एनर्जी इंडस्ट्री : जानकर आश्चर्य होगा कि विश्व भर में सोलर ऊर्जा पर आधारित इंडस्ट्री में इस अवधि में सर्वाधिक जॉब्स उपलब्ध हुए हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सोलर फोटोवोल्टिक इंडस्ट्री में 34 लाख से अधिक लोगों के लिए रोज़गार के अवसर सृजित हुए हैं। इनमें 22 लाख जॉब्स चीन में तथा 164000 जॉब्स भारत में उपलब्ध हुए हैं।
कैसे कैसे जॉब्स : ये जॉब्स पर्यावरणविदों, जीववैज्ञानिकों, भौतिकीविदों, भूगर्भशास्त्रियों,वास्तुकला में ट्रेंड, स्ट्रक्चरलइंजीनियर्स, प्लानर्स ,प्रोजेक्ट मैनेजर्स, कंप्यूटर साइंस के एक्सपर्ट्स ,इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स, कम्युनिकेशंस टेक्नोलोजी में माहिर,बिजनेस डेवलपर्स आदि के लिए होंगे। इनके अतिरिक्त भी अन्य तकनीकी और गैर तकनीकी जॉब्स इस क्रम में सृजित होंगे। यही नहीं इन बड़े-बड़े संयंत्रों की मरम्मत और उनके रखरखाव के लिए भी बड़ी संख्या में कुशल टेक्नीशियन की आवश्यकता होगी।
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की भावी योजनायें : सरकारी तौर पर 2022 तक देश में 170 गीगा बाईट के बराबर नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की क्षमता के संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें 100 गीगा बाईट सौर ऊर्जा तथा 60 गीगा बाईट पवन ऊर्जा तथा शेष 10 गीगा बाईट जैव ईंधन से प्राप्त होने वाली ऊर्जा है। फिलहाल देश में सौर ऊर्जा उत्पादन पर आधारित मात्र 19.6 गीगा बाईट के संयंत्र ही कार्यरत है। गत वर्ष के दौरान 9.6 गीगा बाईट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता को जोड़ा गया है।
इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल : खबरें आ रही हैं कि दुनिया भर की ऑटोमोबाइल कम्पनियाँ पेट्रोल और डीज़ल वाहनों के उत्पादन में कमी करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने पर निवेश कर रही हैं। ऐसे वाहनों के लिए विशेष बैटरी का इस्तेमाल किया जायेगा जो बिजली से रिचार्ज होंगे। कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में भी जॉब्स के अवसर ट्रेंड युवाओं के लिए बढ़ेंगे।
गुरुमंत्र : इस वास्तविकता से इनकार नहीं किया जा सकता है कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व के तमाम देशों में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के विकास पर सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा भी काफी ध्यान दिया जा रहा है। समय रहते युवाओं को इस तरह के तकनीकी और प्रबंधन संबंधित ट्रेनिंग कर करिअर के इस नए क्षेत्र को भी अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल कर लेना चाहिए।
जय टंडन
वार्ता