नयी दिल्ली, 07 अप्रैल (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने देश में ‘एक देश, एक कर’ की अवधारणा के तहत शुरू की गयी कर प्रणाली ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (जीएसटी) को देश में लागू करने के तौर-तरीके को लेकर गहरी नाराजगी जताते हुए बुधवार को कहा कि यह प्रणाली अपने मकसद से भटक गयी है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा कि संसद की मंशा थी कि जीएसटी नागरिकों के लिए सुगम कर प्रणाली हो, लेकिन जिस तरह से इसे देश भर में लागू किया जा रहा है, वह इसके मकसद को खत्म कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश जीएसटी के एक प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि कर अधिकारी हर कारोबारी को धोखेबाज नहीं कह सकता।
हिमाचल प्रदेश जीएसटी अधिनियम, 2017 के उस प्रावधान को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि मामले की कार्यवाही लंबित रहने के दौरान अधिकारी चाहे तो बैंक खाते और अन्य सम्पत्ति जब्त कर सकता है।
सुरेश.श्रवण
वार्ता