बेंगलुरु 02 फरवरी (वार्ता) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की नवनिर्मित निर्माण इकाई आत्मनिर्भर भारत अभियान में मील का पत्थर साबित होगी।
रक्षा मंत्री ने मंगलवार को यहां एचएएल की दूसरी निर्माण इकाई का उद्घाटन करने के मौके पर कहा,“तेजस का नया प्लांट, देश के सामने न केवल स्वदेशीकरण बल्कि कोविड जैसी आपदा में भी अवसर का एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है।”
सरकार द्वारा वायु सेना के लिए एचएल को 83 तेजस विमान बनाने का आर्डर देने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी खरीद को मंजूरी देना, कई मायनों में खास है। इससे देश की सुरक्षा में बढ़ोत्तरी होगी और वायु सेना की क्षमता भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि यह नवनिर्मित निर्माण इकाई वायु सेना और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की मजबूती में एक बड़ा कदम साबित होने वाला है।
उन्होंने कहा,“कोविड के बावजूद एचएएल को को लगभग 50 हजार करोड़ का एक बड़ा ऑर्डर आर्म्ड फोर्सेज़ की तरफ से मिला है। यह न केवल अपने आप में, बल्कि स्वदेशी रक्षा खरीद के इतिहास में सबसे बड़ी प्रोक्योरमेंट है। यह एक ऐतिहासिक सौदा है, जो इंडियन एयरोस्पेस सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।”
एक सवाल के जवाब में एचएलके प्रबंध निदेशक आर माधवन ने कहा कि इस सौदे के तहत वायु सेना को पहला तेजस मार्क 1ए लड़ाकू विमान 36 महीने में प्रदान किया जाएगा जबकि नौ वर्षों में सभी 83 विमान वायु सेना को दे दिए जाएंगे।
संजीव.संजय
वार्ता