राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 14 2020 8:51PM हनुमान पांडेय मुठभेड़ कांड पर सरकार से जवाब तलब
प्रयागराज 14 अक्तूबर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माफिया मुख्तार अंसारी का इनामी गुर्गा बताकर एसटीएफ टीम द्वारा राकेश पांडेय उर्फ हनुमान की मुठभेड़ दिखाकर मारे जाने की सेवानिवृत्त जज से जांच कराने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
न्यायालय ने एसटीएफ लखनऊ के एएसपी राजेश कुमार सिंह व डीएसपी शैलेश को नोटिस जारी की है। याचिका में इन दोनो अधिकारियों पर अस्पताल में भर्ती याची के पति राकेश पांडेय की फर्जी मुठभेड़ में हत्या करने का आरोप लगाया गया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी तथा न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने श्रीमती सरोज लता पांडेय की याचिका पर दिया है ।
याची का कहना है कि उसके पति विधायक कृष्णानंदराय केस मे सीबीआई कोर्ट से बरी हो चुके हैं । कोतवाली मऊ केस मे भी बरी कर दिया गया है। थाना कोपागंज मऊ व थाना इंडस्ट्रियल एरिया प्रयागराज में दर्ज एफ आई आर मे नाम नही है। विवेचनाधिकारी ने उन्हें पूछताछ के लिए कभी नही बुलाया गया है। जिन मुकदमो का ट्रायल चल रहा है ,उनमे जमानत पर है।
याची का कहना है कि एस टी एफ ने लखनऊ अस्पताल से रात में उठा लिया और सरोजनी नगर एरिया में मुठभेड़ दिखाकर मार डाला गया। याची ने डीएसपी को मुख्तार अंसारी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। वह जौनपुर निवासी है। चंदौली में भी जमीन है और वाराणसी में इंस्पेक्टर थे। यही पर सीओ के रूप में वर्षो से जमे हुए हैं। याची के पति के खिलाफ सरोजनी नगर मे एस टी एफ की एफ आई आर मनगढंत है। फर्जी मुठभेड़ को कवर करने के लिए दर्ज करायी है। याचिका की अगली सुनवाई जनवरी 18 नवम्बर को होगी।
सं प्रदीप
वार्ता