Friday, Apr 19 2024 | Time 16:47 Hrs(IST)
image
मनोरंजन


टाइटल गीत लिखने में माहिर थे हसरत जयपुरी

टाइटल गीत लिखने में माहिर थे  हसरत जयपुरी

(पुण्यतिथि 17 सितंबर )

मुम्बई 16 सितंबर (वार्ता) हिन्दी फिल्मों में जब भी टाइटल गीतों का जिक्र होता है गीतकार हसरत जयपुरी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। हसरत जयपुरी ने हर तरह के गीत लिखे लेकिन फिल्मों के टाइटल पर गीत लिखने में उन्हें महारत हासिल थी ।

हिन्दी फिल्मों के स्वर्णयुग के दौरान टाइटल गीत लिखना बड़ी बात समझी जाती थी । निर्माताओं को जब भी टाइटल गीत की जरूरत होती थी। हसरत जयपुरी से गीत लिखवाने की गुजारिश की जाती थी ।उनके लिखे टाइटल गीतों ने कई फिल्मों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी । हसरत जयपुरी के लिखे कुछ टाइटल गीत हैं ‘दीवाना मुझको लोग कहें (दीवाना),‘दिल एक मंदिर है’,(दिल एक मंदिर), ‘रात और दिन दीया जले’( रात और दिन), तेरे घर के सामने इक घर बनाऊंगा,(तेरे घर के सामने)‘ऐन इवनिंग इन पेरिस’(ऐन इवनिंग इन पेरिस),‘गुमनाम है कोई बदनाम है कोई,(गुमनाम) ‘दो जासूस करें महसूस,(दो जासूस)आदि ।

15 अप्रैल 1922 को जन्में हसरत जयपुरी का मूल नाम इकबाल हुसैन था। उन्होंने जयपुर में प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद अपने दादा फिदा हुसैन से उर्दू और फारसी की तालीम हासिल की । बीस वर्ष का होने तक उनका रुझान शेरो-शायरी की तरफ होने लगा और वह छोटी-छोटी कविताएं लिखने लगे।

वर्ष 1940 मे नौकरी की तलाश में हसरत जयपुरी ने मुम्बई का रूख किया और आजीविका के लिए वहां बस कंडक्टर के रूप में नौकरी करने लगे। इस काम के लिये उन्हे मात्र 11 रूपये प्रति माह वेतन मिलता था। इस बीच उन्होंने मुशायरों के कार्यक्रम में भाग लेना शुरू किया। उसी दौरान एक कार्यक्रम में पृथ्वीराज कपूर उनके गीत को सुनकर काफी प्रभावित हुये और उन्होने अपने पुत्र राजकपूर को हसरत जयपुरी से मिलने की सलाह दी।

राजकपूर उन दिनों अपनी फिल्म ..बरसात ..के लिये गीतकार की तलाश कर रहे थे। उन्होंने हसरत जयपुरी को मिलने का न्योता भेजा। राजकपूर से हसरत जयपुरी की पहली मुलाकात .रायल ओपेरा हाउस. में हुयी और उन्होने अपनी फिल्म बरसात के लिये उनसे गीत लिखने की गुजारिश की। इसे महज संयोग ही कहा जायेगा कि फिल्म बरसात से ही संगीतकार शंकर जयकिशन ने भी अपने सिने करियर की शुरूआत की थी ।

राजकपूर के कहने पर शंकर जयकिशन ने हसरत जयपुरी को एक धुन सुनाई और उस पर उनसे गीत लिखने को कहा। धुन के बोल कुछ इस प्रकार थे ..अंबुआ का पेड़ है वहीं मुंडेर है .. आजा मेरे बालमा काहे की देर है ..

शंकर जयकिशन की इस धुन को सुनकर हसरत जयपुरी ने गीत लिखा..

जिया बेकरार है छाई बहार है

आजा मेरे बालमा तेरा इंतजार है ..

वर्ष 1949 में प्रदर्शित फिल्म बरसात में अपने इस गीत.. की कामयाबी के बाद हसरत जयपुरी गीतकार के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गये। बरसात की कामयाबी के बाद राजकपूर. हसरत जयपुरी और शंकर -जयकिशन

की जोड़ी ने कई फिल्मो मे एक साथ काम किया। हसरत जयपुरी की जोड़ी राजकपूर के साथ वर्ष 1971 तक कायम रही। संगीतकार जयकिशन की मृत्यु और फिल्म मेरा नाम जोकर और कल आज और कल की बॉक्स आफिस पर नाकामयाबी के बाद राजकपूर ने हसरत जयपुरी की जगह आनंद बख्शी को अपनी फिल्मों के लिये लेना शुरू कर दिया ।

अपनी फिल्म ..प्रेम रोग ..के लिये राजकपूर ने एक बार फिर से हसरत जयपुरी को मौका देना चाहा लेकिन बात नही बनी। इसके बाद हसरत जयपुरी ने राजकपूर के लिये वर्ष 1985 मे प्रदर्शित फिल्म राम तेरी गंगा मैली मे ..सुन साहिबा सुन..गीत लिखा जो काफी लोकप्रिय हुआ । हसरत जयपुरी को दो बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हसरत जयपुरी वल्र्ड यूनिवर्सिटी टेबुल के डाक्ट्रेट अवार्ड और उर्दू कान्फ्रेंस में जोश मलीहाबादी अवार्ड से भी सम्मानित किये गये। फिल्म मेरे हुजूर में हिन्दी और ब्रज भाषा में रचित गीत ..झनक झनक तोरी बाजे पायलिया .. के लिये वह अम्बेडकर अवार्ड से सम्मानित किये गये।

हसरत जयपुरी ने यूं तो कई रूमानी गीत लिखे लेकिन असल जिदंगी में उन्हें अपना पहला प्यार नही मिला।

बचपन के दिनों में उनकाे राधा नाम की हिन्दू लड़की से प्रेम हो गया था लेकिन उन्होंने अपने प्यार का इजहार

नहीं किया। उन्होंने पत्र के माध्यम से अपने प्यार का इजहार करना चाहा लेकिन उसे देने की हिम्मत वह नहीं जुटा पाए। बाद में राजकपूर ने उस पत्र में लिखी कविता ..ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर तुम नाराज ना होना .. का इस्तेमाल अपनी फिल्म..संगम ..के लिये किया।

हसरत जयपुरी ने तीन दशक लंबे अपने सिने करियर में 300 से अधिक फिल्मों के लिये लगभग 2000 गीत लिखे। अपने गीतों से कई वर्षो तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने वाला यह शायर और गीतकार 17 सिंतबर 1999 को

संगीत प्रेमियों को अपने एक गीत की इन पंक्तियों ...तुम मुझे यूं भूला ना पाओगे...

जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे

संग संग तुम भी गुनगुनाओगे ..

की स्वर लहरियों में छोड़कर इस दुनिया को अलविदा कह गया।

 

More News
‘फुर्तीले’ की स्टार कास्ट ने दिल्ली में मचाया धमाल

‘फुर्तीले’ की स्टार कास्ट ने दिल्ली में मचाया धमाल

19 Apr 2024 | 4:16 PM

नयी दिल्ली 19 अप्रैल (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेत्री अमायरा दस्तूर और पंजाबी सिंगर एवं अभिनेता जस्सी गिल की पंजाबी फिल्म ‘फुर्तीला’ 26 अप्रैल को रिलीज हो रही है। इस फिल्म के निर्माता अमर हुंडल है। फुर्तीला के प्रमोशन के लिए फिल्म की स्टारकास्ट शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंची।

see more..
दबंगी मुलगी आई रे आई में दोहरा चरित्र निभाना चुनौतीपूर्ण रहा : राहुल सुधीर

दबंगी मुलगी आई रे आई में दोहरा चरित्र निभाना चुनौतीपूर्ण रहा : राहुल सुधीर

19 Apr 2024 | 4:12 PM

मुंबई, 19 अप्रैल (वार्ता) अभिनेता राहुल सुधीर का कहना है कि सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न के शो ‘दबंगी - मुलगी आई रे आई’ में युग के रूप में एक जासूस की भूमिका को अपनाना और एकलव्य के रूप में बेस्टफ्रेंड के उत्साह को प्रदर्शित करना उनके लिये उत्साहजनक चुनौती रही है।

see more..
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर प्रसारित होगा शो दिल से दिल तक

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर प्रसारित होगा शो दिल से दिल तक

19 Apr 2024 | 3:59 PM

मुंबई, 17 अप्रैत (वार्ता) सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न अपने आगामी शो ‘पुकार दिल से दिल तक’ के साथ दर्शकों का दिल जीतने के लिए तैयार है। दिल से दिल तक शो प्यार, नुकसान, और मुक्ति की सम्मोहक कहानी है।

see more..
मैन ऑफ मासेस एनटीआर जूनियर ने ट्रेनर मन्नव कुमार का जन्मदिन मनाया

मैन ऑफ मासेस एनटीआर जूनियर ने ट्रेनर मन्नव कुमार का जन्मदिन मनाया

19 Apr 2024 | 2:19 PM

मुंबई, 19 अप्रैल (वार्ता) दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार मैन ऑफ मासेस एनटीआर जूनियर ने अपने ट्रेनर मन्नव कुमार का जन्मदिन मनाया।

see more..
फ़िल्म 'प्यार का देवता' का गाना 'सरक जाता पेट से पिया' रिलीज

फ़िल्म 'प्यार का देवता' का गाना 'सरक जाता पेट से पिया' रिलीज

19 Apr 2024 | 2:14 PM

मुंबई, 19 अप्रैल (वार्ता) अरविंद अकेला कल्लू और यामिनी सिंह की फ़िल्म 'प्यार का देवता' का गाना 'सरक जाता पेट से पिया' रिलीज हो गया है।

see more..
image