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उत्तराखंड को देश का आदर्श राज्य बनाना है : धामी

उत्तराखंड को देश का आदर्श राज्य बनाना है : धामी

हरिद्वार/देहरादून 10 सितंबर (वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को पतंजलि अनुसन्धान संस्थान में कहा कि हम सबको मिलकर राज्य को देश का आदर्श राज्य बनाना है।

श्री धामी ने कहा कि जो कोई भी उत्तराखण्ड के हित में अच्छा कार्य करेगा, वह हमारे सबसे नजदीक होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड अनेक संभावनाओं से भरा प्रदेश है। सड़क, परिवहन, सुरक्षा, उद्यान, आदि प्रत्येक क्षेत्र की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री यहां पतंजलि योगपीठ फेज-2 के पतंजलि अनुसंधान संस्थान के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने प्राचीन भारतीय विधाओं को अनुसंधान के माध्यम से आगे बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्वामी रामदेव का योग को पूरी दुनिया में पहुंचाने में उल्लेखनीय योगदान है, जो हमारे लिए गौरव का विषय है। आज योग विश्वभर में फैला है तथा बच्चा-बच्चा आज योग को जानता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का आदर्श राज्य बने, इसके लिए सरकार 10 वर्षीय कार्य योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सेवक के रूप में मुझे जो जिम्मेदारी दी गयी है, अपनी पूरी क्षमता से, दी गयी जिम्मेदारी के लिए एक-एक क्षण का उपयोग करूंगा।

इस अवसर पर, योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा कि श्री धामी के रूप में राज्य को उत्साह एवं ऊर्जा से भरे हुए मुख्यमंत्री मिले हैं। उन्होंने कहा कि श्री धामी के आने के बाद चारों तरफ नया उत्साह है। पतंजलि योगपीठ का जिक्र करते हुये बाबा रामदेव ने कहा कि कर्म और पुरूषार्थ का फल ही पतंजलि है।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पतंजलि अनुसंधान संस्थान स्थित पतंजलि औषधीय उद्यान में पौधारोपण भी किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत, यतीश्वरानंद, सांसद राज्यसभा नरेश बंसल, विधायक रूड़की प्रदीप बत्रा, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार डा. योगेन्द्र सिंह रावत, सहित अनेक जनप्रतिनिधि और विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री धामी सहित अन्य महानुभाव का पतंजलि अनुसंधान संस्थान पहुंचने पर मत्रोच्चारण एवं शंख ध्वनि के बीच पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र भेंटकर एवं पुष्पमाला पहनाकर स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भव्य स्वागत किया।

सं.संजय

वार्ता

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