नयी दिल्ली, 05 नवंबर (वार्ता) दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के निकट खेलगांव में बने कोविड केयर सेंटर के कर्मचारियों का अद्भुत सेवा भाव देखने को मिल रहा है और वे चौबीसों घंटे मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं।
भारतीय क़ृषि अनुसंधान परिषद में काम करने वाले 50 वर्षीय प्रदीप कुमार खेलगांव के कोविड केयर सेंटर में क्वारंटीन हैं। कोरोना से जुड़े अपने अनुभवों को साझा करते हुए वह कहते हैं“ सबसे पहले मुझे टाइफाइड हुआ और उसके बाद डॉक्टर ने कोविड टेस्ट करवाने की सलाह दी । मेरा कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया तथा उसके बाद मेरा ऑक्सीजन का स्तर भी गिरने लगा।अगर चिकित्सा से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो ऑक्सीजन स्तर 93 से कम होने पर खतरे की आशंका होती है और ऐसे में मरीज को यथाशीघ्र डॉक्टर को दिखाना चाहिए। मेरा ऑक्सीजन स्तर गिरकर 89 तक आ गया था, तो योग की बदौलत मैं इसे सामान्य स्तर पर ले आता था लेकिन फिर ये कम हो जाता था। मैं दिल्ली सरकार के संपर्क में था क्योंकि ये लोग बराबर मेरे स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे थे। मैने 23 अक्टूबर को अपने स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी दी जिसके बाद 24 को मुझे क्वारंटीन सेंटर भेज दिया गया. डॉक्टर की देखरेख में मैं बेहतर महसूस कर रहा हूँ।”
बिहार के पूर्णिया के रहने वाले 26 वर्षीय डॉक्टर तस्नीम 22 मार्च को लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से अपने गृहनिवास नहीं गए हैं। यूनीवार्ता से बातचीत में वह कहते हैं, “कोरोना संक्रमित मरीजों के घरवालों की तरह हमारे घरवालों को भी हमारी चिंता होती है। मुझे उनको हर दिन भरोसा दिलाना होता है कि मैं स्वस्थ हूं।”
पीपीई किट लगाकर लगातार काम करने पर उन्होंने कहा, “इसकी अपनी चुनौतियां हैं. ये भी 100 प्रतिशत भले सुरक्षित न हो लेकिन इसके अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं हैं।”
खेलगांव के इस कोविड सेंटर में मिलने वाली दैनिक सुविधाओं के बारे में डीटीडीसी में बस ड्राइवर रवि कुमार कहते हैं, “जब मैं यहां आ रहा था तो मेरे मन में कोविड सेंटर में मिलने वाली सुविधाओं को लेकर कई तरह की आशंकाएं थीं, लेकिन यहां 17 दिनों के पृथकवास के दौरान बेहतर इंतज़ाम मिले। यहां प्रवेश करने पर सबसे पहले मरीज की शुगर की जांच होती है और जिन मरीजों का शुगर नॉर्मल नहीं होता उनकी विशेष देखभाल की जाती है।”
शुभम जितेन्द्र
जारी वार्ता