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वॉटर ब्रेक पर गरम हुये विराट

वॉटर ब्रेक पर गरम हुये विराट

राजकोट, 06 अक्टूबर (वार्ता) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) के नये वॉटर ब्रेक नियम भारतीय कप्तान विराट कोहली को रास नहीं आये हैं और वह चाहते हैं कि शीर्ष संस्था इसे अलग नज़रिये के साथ देखे।

भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच पहला क्रिकेट टेस्ट शनिवार को तीन दिन में समाप्त होने के बाद विराट ने उम्मीद जताई कि मैच अधिकारी टेस्ट मैचों में गैर निर्धारित वॉटर ब्रेक पर कोई फैसला करते समय तेज़ गर्मी जैसे तथ्यों को ध्यान में रखेंगे। आईसीसी के 30 सितंबर से जारी नये नियमों के अनुसार वॉटर ब्रेक की अनुमति केवल विकेट के गिरने और ओवरों के समाप्त होने पर होगी तथा गैर निर्धारित वॉटर ब्रेक का फैसला अंपायर के पास होगा।

राजकोट टेस्ट के तीनों दिन तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के अासपास रहा और दोनों टीमों के खिलाड़ियों को ड्रिंक्स ब्रेक के लिये अंपायर की तरफ देखना पड़ा। हालांकि ऐसे नियम के चलते ओवर रेट में सुधार देखने को मिला और भारत ने दूसरे और तीसरे दिन के खेल में 17 ओवर प्रति घंटा फेंक डाले।

विराट हालांकि गर्मी में खिलाड़ियों को पानी पीने पर लगी इस रोकटोक से नाराज़ दिखे और उन्होंने मैच के बाद इस पर सवाल उठाते हुये कहा,“ ऐसे नियमों को लागू करने से पहले परिस्थितियों को देखा जाना चाहिये। खिलाड़ी यदि गर्मी से परेशान हों तो उन्हें पानी की जरूरत होती है लेकिन उसके लिये बार बार अंपायर से अनुमति मांगना खिलाड़ियों के लिये परेशानी का सबब बनेगा।”

भारतीय बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा ने इस नये नियम के चलते वाटर ब्रेक के दौरान कुछ छोटी बोतलें ही जेब में डाल ली थी। विराट ने कहा कि खिलाड़ियों को ऐसे नियमों के चलते मैच में संघर्ष करना पड़ा। बल्लेबाजी करते समय या क्षेत्ररक्षण करते समय 40-50 मिनट तक पानी न पीना खिलाड़ियों को परेशानी में डाल सकता है। उम्मीद है कि अधिकारी इस तरफ ध्यान देंगे।

गर्मी के चलते ही भारत ने एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ छोड़कर पांचवां गेंदबाज़ खेलाया। विराट ने कहा,“ गर्मी अधिक थी और चार गेंदबाजों के साथ खेलना मुश्किल था क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में उन्हें संघर्ष करना पड़ा था। पांचवां गेंदबाज़ खेलाने से उन्हें गर्मी में राहत मिल रही थी।”

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