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सरकारी वकीलों की फीस लम्बित रखने पर उच्च न्यायालय नाराज

सरकारी वकीलों की फीस लम्बित रखने पर उच्च न्यायालय नाराज

पटना 23 जुलाई (वार्ता) पटना उच्च न्यायालय ने अदालत में सरकार का पक्ष रखने वाले सरकारी वकीलों के फीस भुगतान में देरी पर नाराजगी जताते हुए छह सप्ताह के अंदर भुगतान का आदेश दिया और कहा कि भविष्य में दोबारा ऐसी गलती हुई तो जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी ।

न्यायमूर्ति मोहित कुमार साह की एकल पीठ ने ललन कुमार एवं अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए छह सप्ताह के अंदर सरकारी वकीलों के बकाए फीस का भुगतान करने का आदेश दिया। उन्होंने मौखिक

टिप्पणी की कि यदि प्रदेश के आला अधिकारियों की पगार को बंद करने का निर्देश अदालत दे तो उन्हें कैसा महसूस होगा। उन्होंने तल्ख लहजे में हिदायत दी कि भविष्य में किसी भी सरकारी वकील की फीस के भुगतान में देरी की शिकायत मिली तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मामला चार सहायक सरकारी वकीलों का था, जिनकी फीस का भुगतान पिछले ढाई साल से नहीं हुआ था। उच्च न्यायालय ने इस मामले पर पिछली सुनवाई में विधि विभाग को समस्या का जल्द निराकरण करने का निर्देश दिया था । आज सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने अदालत को बताया कि न्यायालय के पिछले आदेश के आलोक में उन्होंने खुद विधि सचिव से बात की। उसके बाद चारो सहायक सरकारी अधिवक्ताओं की बकाया फीस के भुगतान की सहमति सरकार ने दे दी है। इसलिए, मामले को निष्पादित कर दिया जाए। अदालत ने उनके अनुरोध को मान लिया।

सं शिवा सूरज

वार्ता

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