राज्य » अन्य राज्यPosted at: Feb 12 2019 11:29PM श्रीनगर एनआईटी के स्थानांतरण के मामले में उच्च न्यायालय ने व्यक्त की चिंता
नैनीताल, 12 फरवरी (वार्ता) उत्तराखंड में श्रीनगर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के मामले में उच्च न्यायालय ने मंगलवार को गंभीर रूख अख्तियार करते हुए कहा कि यह चिंता का विषय है कि राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान प्रदेश से बाहर अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया जा रहा है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ ने एनआईटी के पूर्व छात्र जसबीर सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को केन्द्र, राज्य सरकार एवं एनआईटी की ओर से पेश किये गये जवाब के संदर्भ में तीन सप्ताह के अंदर हलफनामा पेश करने को कहा है।
पौड़ी जनपद में स्थित एनआईटी देश के 31 संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना 2009 में की गयी। तब से लेकर आज तक श्रीनगर में संस्थान का स्थायी परिसर स्थापित नहीं किया जा सका है। श्रीनगर के सुमाड़ी गांव में एक पाॅलिटेक्निक कालेज में एनआईटी संस्थान संचालित किया जा रहा है। सुमाड़ी गांव श्रीनगर से लगभग 15 किमी दूर स्थित है। संस्थान को उचित स्थान पर स्थापित करने को लेकर संस्थान के छात्र भी कई बार विरोध दर्ज करवा चुके हैं। इसके बाद एनआईटी की ओर से श्रीनगर कैंपस में पढ़ने वाले लगभग 600 छात्रों को जयपुर एनआईटी परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया।
संस्थान को जयपुर स्थानांतरित करने के मामले का स्थानीय ग्रामीण भी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि ग्रामीणों की ओर से संस्थान के लिये जमीन मुहैया करायी गयी है।