बीकानेर, 08 जनवरी (वार्ता)। राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि छोटी जोत पर अधिक उत्पादन हो तथा किसान का मुनाफा बढ़े, कृषि वैज्ञानिकों को इस दिशा में सतत रूप से कार्य करने की जरूरत है।
श्री भाटी आज यहां स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में 'कृषि पंचाग 2021' सहित विभिन्न प्रकाशनों के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। हमारे प्रदेश में भी खेती मुख्य कार्य है। इसके मद्देनजर किसानों तक नवीन तकनीकों की जानकारी पहुंचाना जरूरी है, जिससे उन्हें अधिक लाभ हो सके।
उन्होंने कहा कि ग्लोबलाइजेशन के दौर में आवश्यकता बढ़ी है, लेकिन खेती योग्य जमीन और पानी की उपलब्धता सीमित है। ऐसे में छोटी जोत में अधिक लाभ हो तथा किसान कम पानी वाली फसलें लें, इसके लिए किसानों को जागरुक किया जाए। उन्होंने कहा कि आज, शिक्षा का दौर है। हमारे देश के युवा, कृषि शिक्षा से जुड़ें और नई तकनीकों का लाभ उठाएं। इसके लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उन्होंने प्रसंस्करणए मूल्य संवर्धन और विपणन के माध्यम से आय बढ़ाने की बात भी कही।
श्री भाटी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में स्वामी केशवांनद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की विशिष्ट पहचान है। कृषि शिक्षा, प्रसार एवं अनुसंधान क्षेत्र में विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 33 वर्षों से उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं।
इससे पहले उच्च शिक्षा मंत्री ने कृषि पंचांग, अनुसंधान निदेशालय के दस वर्षों के अनुसंधान पर आधारित पुस्तक 'ए डिकेड ऑफ रिसर्च' कृषि अनुसंधान केन्द्र श्रीगंगानगर द्वारा प्रकाशित 'कृषि शोध उपलब्धियां का विमोचन किया।
संजय रामसिंह
वार्ता