शिमला, 13 मार्च (वार्ता) हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार से शुरू हो रहा है। यह बजट सत्र 14 मार्च से 06 अप्रैल तक चलेगा। इस बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होंगी। सुक्खू सरकार को सत्ता संभाले हुए अभी तीन माह का ही समय हुआ है, लेकिन विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
विपक्ष ने आज सरकार द्वारा डीनोटिफाई किए गए संस्थानों के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान और जन आक्रोश रैलियां कर रही है। शिमला में भी भाजपा ने आज शेर ए पंजाब से सीटीओ चौक तक रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के लोकप्रिय मुख्यमंत्री है। जब से उन्होंने सत्ता संभाली है तब से केवल संस्थानों पर ताले लगाने का कार्य किया जा रहा है।
श्री ठाकुर ने सोमवार को मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि प्रदेश में डि-नोटिफाई किए संस्थानों का मुद्दा निश्चित रूप से विधानसभा सत्र में उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जनहित का मुद्दा है। इस मुद्दे को भाजपा द्वारा विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह उठाया जाएगा। इसको लेकर शिमला में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। भाजपा के हस्ताक्षर अभियान के तहत इकट्ठा किए गए लोगों के लाखों हस्ताक्षर करवा राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि पहला बजट अभी पेश नहीं हुआ पर सरकार का हाल ऐसा लग रहा है कि सरकार का अंतिम वर्ष चल रहा है।
उन्होंने कहा कि आक्रोश रैलियों के माध्यम से लोग रोष व्यक्त कर रहे हैं। लोगों के गुस्से का अंदाजा मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिला में भाजपा की हुई आक्रोश रैलियों में इकट्ठा हुए जनसमूह से लगाया जा सकता है।
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर पूछे सवाल पर श्री ठाकुर ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाली की गारंटी दी गई थी, लेकिन आज कांग्रेस सत्ता में आने के बाद अपने वादे से मुकर रही है।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा हर कैबिनेट में ऑफिस को लेकर बात की जा रही है, लेकिन कर्मचारियों को ओपीएस कब और कैसे मिलेगी इसके बारे में आज तक सरकार नहीं बता पाई है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग ओपीएस है, इसमें कर्मचारी किसी भी तरह हेर-फेर नहीं चाहते हैं। सरकार कर्मचारियों की मांग को लेकर अभी तक ओपीएस नहीं दे पाई है।
उन्होंने कहा कि 25 साल से हिमाचल प्रदेश में इतना निराशा का माहौल नहीं देखा। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 11 दिसंबर 2022 को हुआ और 12 दिसंबर से इस सरकार ने बदला बदली के साथ काम करना शुरू कर दिया। हमने सोचा कि यह अनुचित कार्य सरकार से गलती से हो गया है, पर जब हमने सरकार से बात की तो हमने यह देखा कि सरकार ने सोच-समझकर किया है। सरकार एक षड्यंत्रकारी सरकार कार्य कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार के सलाहकार कौन है, आज प्रदेश में 620 से अधिक सरकारी संस्थान बंद हो चुके हैं, 19 डिग्री कॉलेज बंद कर दिए हैं और 286 स्कूल बंद हो गए है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सारे संस्थानों को गरीबों के हक में खोला था, इस कांग्रेस सरकार ने संस्थानों को बंद कर दिया इसका मतलब यह सरकार गरीबों के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सरकार व्यवस्था परिवर्तन की बात करती है, हिमाचल एक छोटा सा प्रदेश है और यहां एक उप मुख्यमंत्री बनने की क्या आवश्यकता पड़ गई।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सरकार की स्थिति स्थिर नहीं है, जिस प्रकार से इस सरकार के विधायक अपनी सरकार के विरुद्ध भी बोल रहे चीजें ठीक नहीं लग रही।
सं. उप्रेती
वार्ता