नयी दिल्ली 05 नवंबर (वार्ता) हिन्दू और मुस्लिम समाज ने लोगाें से अयोध्या में विवादित भूमि के बारे में उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करने और सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाये रखने की अपील की है।
दोनों समुदायों के लोगों ने कहा है कि वे न्यायालय के फैसले को स्वीकार करेंगे और स्थिति को सांप्रदायिक रंग नहीं लेने देंगे।
अखिल भारतीय संत समिति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने जहां हिन्दू समाज की ओर से लोगों से अपील की वहीं आल इंडिया पर्सनल ला बोर्ड और जमाते इस्लामी हिन्द ने मुस्लिम समाज की ओर से यह आह्वान किया।
केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के घर पर हुई एक बैठक में भी संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, अखिल भारतीय सह सम्पर्क प्रमुख रामलाल, भारतीय जनता पार्टी के नेता शाहनवाज हुसैन, जमीयत उलेमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दकी , शिया धर्म गुरु मौलाना कलबे जव्वाद, पत्रकार कमर आगा, फिल्म निर्माता मुज्जफर अली और शिक्षाविद फुरकान अहमद आदि ने भी इस तरह के विचार व्यक्त किये।
मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड और जमाते इस्लामी ने एक प्रस्ताव पारित कर सरकार से मांग की है कि वह उच्चतम न्यायालय का फैसला आने पर देश में शांति, सौहार्द्र और कानून व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करे। उन्होंने मीडिया से भी अपील की है कि वह दोनों समुदायों के बीच नफरत और घृणा का माहौल न फैलाये और शांति बनाये रखने के लिए जिम्मेदारी से काम करे।
देश में साधु-संतों की सर्वाेच्च संस्था अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री दंडी स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने देश के सभी संतों को एक पत्र लिख कर निवेदन किया है कि सभी संत इस विषय को जय-पराजय से दूर रख कर राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता बनाये रखने में सहयोग करें। उनके प्रवचन तथा भाषण समाज में उन्माद पैदा न करें। किसी को चिढ़ाने का कार्य न हो।
उन्होंने कहा कि न्यायालय का निर्णय आने के पहले या बाद में संतों की प्रतिक्रिया पत्रकारों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से समाज तक पहुंचेगी। सभी से यह प्रार्थना है कि यदि किसी को प्रसन्नता व्यक्त करनी भी हो तो वह अपने घर में व्यक्तिगत पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन करके आनंदित हों। किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया व्यक्त करने की बजाय अपने भक्तों तथा सहयोगियों को समाज में शांति बनाये रखने के लिए प्रेरित करें।
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संजीव अरविंद
वार्ता