राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 1 2021 10:12PM इतिहास ने वीर सावरकर के साथ न्याय नहीं किया : योगी
लखनऊ 01 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास ने महान क्रांतिकारी वीर सावरकर के साथ न्याय नहीं किया।
श्री योगी ने शुक्रवार को ‘सावरकर’ पुस्तक का विमोचन करते हुये कहा कि पितृ पक्ष में स्वातंत्र्यवीर सावरकर' को याद करने का विशेष महत्व है। भारत माता के सच्चे सपूत को श्राद्ध में स्मरण करना पितरों को तर्पण के समान है। इतिहास ने वीर सावरकर के साथ न्याय नहीं किया। कुछ शब्दों के माध्यम से इतिहास से खेल करने वाले इतिहास की सच्चाई नहीं मिटा सकते।
उन्होने कहा कि एक ही जीवन मे दो दो बार आजीवन कारावास की सजा हुयी थी सावरकर को। ऐसे महान क्रांतिकारी के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को भुलाना असंभव है। वीर सावरकर की बात को मानी जाती तो देश का विभाजन नहीं होता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर सावरकर को लेकर देश मे दो प्रकार की सोच के लोग हमेशा से रहे हैं। हमारे गुरु महंत दिग्विजय नाथ का वीर सावरकर का गहन सम्बन्ध था। वीर सावरकर के साथ साथ हम अपने पूज्य दादा गुरु को भी याद कर रहे है।
उन्होने कहा कि आजाद भारत मे वीर सावरकर के व्यक्तित्व और कृतित्व को समान नहीं दिया गया। देश के एक पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने सैल्यूलर जेल से वीर सावरकर की नाम पट्टिका को हटवाया। सावरकर को भुलाया न होता तो देश का विघटन न होता। श्याम जी कृष्ण वर्मा, सचीन्द्र नाथ सान्याल और उस समय के सभी क्रांतिकारी सावरकर के बेहद निकट थे।
श्री योगी ने कहा “ मैंने स्वयं सेल्ल्युलर जेल जाकर उनको दी गयी यातनाओं के बारे में जाना। व्याकरण के बहुत सारे शब्द वीर सावरकर की देन हैं। 'हिन्दुत्व' शब्द भी उन्ही शब्दों में से एक है। इतिहास को तोड़मरोड़ कर लिखने वाले इतिहासकारों ने सावरकर के योगदान को मिटाने का प्रयास किया। ऐसे लोगों ने मात्र महान क्रांतिकारियों का ही नहीं 'माँ भारती' का भी अपमान किया परन्तु 'वीर सावरकर' के विराट व्यक्तित्व को मिटाया नहीं जा सकता। उनके जाने के इतने वर्षों बाद भी हम उनका स्मरण कर रहे हैं। ब्राम्हण कुल में जन्म लेने के बाद भी उन्होंने जाति भेद के खिलाफ आवाज उठायी। वीर सावरकर के शब्दों और उनके दिखाए मार्ग को भुलाया न जाता तो देश को आतंकवाद और अलगाववाद का सामना न करना पड़ता।
उन्होने कहा कि अब देश मे एक बदलाव लाने वाली सरकार है, तो चीजें बदल रही हैं। बदलाव लाने वाली सरकार ने देश मे एक नया इतिहास बनाया। धारा 370 न देश के हित मे थी, न समाज के, इसलिये इसे हटाया गया।
प्रदीप
वार्ता