बेंगलुरु, 17 जून (वार्ता) देश जाने-माने अनुभवी हॉकी कोच रमेश परमेश्वरन ने हॉकी कर्नाटक के माध्यम से द्रोणाचार्य पुरस्कार (लाइफटाइम अचीवमेंट) के लिए आवेदन किया है।
हॉकी के क्षेत्र में बतौर खिलाड़ी, कोच और मेंटर के रूप में 50 वर्षों से अधिक समय तक अपनी सेवाएं देने वाले परमेशवरन ने कहा,“मेरे लिए एक जूनियर खिलाड़ी से लेकर राष्ट्रीय कोच तक की लंबी और संतोषजनक यात्रा रही है। इस दौरान मेरे जीवन में भी उतार चढ़ाव आए, हार-जीत मिली लेकिन कुल मिलाकर मेरे पास ऐसा अनुभव है जिस पर मैं गर्व कर सकता हूं।”
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) जैसे संस्थानों से औपचारिक प्रशिक्षण के बिना खुद सीखे हुए कोचों में से एक परमेश्वरन ने कहा, “मैंने इस खेल में काफी त्याग देने के अलावा समय,धन और ऊर्जा लगाया है और अंत में यह फलदायक रहा।”
रमेश ने हॉकी खेलने की शुरुआत 1969 में शुरू की थी जब उन्हें जूनियर नेशनल चैम्पियनशिप में मैसूर का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था। उन्हें भारतीय टीम में 1978 में खेलने का मौका मिला और उन्होंने बैंकाक में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था।
परमेश्वरन 2015 से कर्नाटक हॉकी अकादमी में कोच हैं जहां वह युवा खिलाड़ियों को तराश रहे हैं। परमेश्वरन के द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए आवेदन को 1980 की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम के कप्तान वासुदेवन भास्करन, बीपी गोविंदा, पूर्व भारतीय कप्तान एमपी गणेश, पूर्व राष्ट्रीय कोच एमके कौशिक, दिलीप टिर्की, आशीष बलाल और ए बी सुबैया आदि का समर्थन प्राप्त है।
शुभम राज
वार्ता