खेलPosted at: Sep 2 2018 8:33PM हॉकी टीमों के लिये ओलंपिक की राह हुई मुश्किल
नयी दिल्ली, 02 सितंबर (वार्ता) भारतीय पुरूष और महिला हाॅकी टीमों ने 18वें एशियाई खेलों की हॉकी प्रतियोगिता से सीधे टोक्यो ओलंपिक के लिये टिकट पाने का मौका गंवा दिया और अब उनके लिये 2020 के टोक्यो ओलंपिक की राह मुश्किल हो गयी है।
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीमों को सीधे ही अगले ओलंपिक में प्रवेश मिल जाता। इंडोनेशिया में अगले ओलंपिक के मेजबान जापान ने पुरूष और महिला दोनों वर्गों के स्वर्ण पदक जीत लिये। ओलंपिक मेजबान होने के नाते जापान हॉकी के दोनों वर्गों में खेलेगा।
गत चैंपियन भारत को सेमीफाइनल में मलेशिया से सडन डैथ में 6-7 से हार का सामना करना पड़ा जबकि भारतीय महिला टीम को फाइनल में जापान के हाथों 1-2 की शिकस्त झेलनी पड़ी। इन खेलों के शुरू होने से पहले माना जा रहा था कि भारतीय हॉकी टीमें स्वर्ण पदक के साथ ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर लेंगी लेकिन दोनों टीमों ने निराश किया और मौका गंवा दिया।
इस मौके के हाथ से निकल जाने के बाद अब भारतीय टीमों को अगले दो साल तक ओलंपिक में जगह बनाने की जद्दोजहद करनी होगी। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के अनुसार 2019 के आखिर में ओलंपिक क्वालिफिकेशन इवेंट होना है जिसमें टीमों को अपनी चुनौती पेश करनी होगी लेकिन इस तक पहुंचने के लिये प्रक्रिया अब काफी मुश्किल हो गयी है।
एफआईएच के अनुसार ओलंपिक क्वालिफिकेशन इवेंट में जाने के लिये टीमों को हॉकी सीरीज़ फाइनल्स और हॉकी प्रो लीग में हिस्सा लेना होगा। हॉकी सीरीज़ फाइनल्स की शीर्ष दो दो टीमें नये ओलंपिक क्वालिफिकेशन इवेंट में उतरेंगी। इनके साथ हॉकी प्रो लीग के शीर्ष चार देश और 2019 कांटिनेंटल चैंपियनशिप की समाप्ति के बाद विश्व रैंकिंग के वे शीर्ष दो देश शामिल होंगे जो हॉकी सीरीज़ या प्रो लीग के जरिये क्वालीफाई नहीं करते हैं।
12 पुरूष और 12 महिला टीमों को ओलंपिक खेलों के लिये छह स्थान को लेकर प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इनके साथ मेजबान जापान और पांच महाद्वीपीय चैंपियन खेलेंगे। पांच महाद्वीपीय चैंपियनों को सीधे ओलंपिक का प्रवेश मिल जाएगा। ओलंपिक क्वालिफिकेशन इवेंट अक्टूबर-नवंबर 2019 में होना निर्धारित है।
राज प्रीति
वार्ता