नयी दिल्ली, 30 अगस्त (वार्ता) टोक्यो ओलंपिक खेलों 2020 में भारत की ऐतिहासिक कांस्य पदक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ड्रैगफ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने उन्हें प्रतिष्ठित ‘ एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार ’ के लिए नामांकित किए जाने पर आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि उनके लिए यह बड़े सम्मान की बात है कि उन्हें बेल्जियम के आर्थर वान डोरेन, एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स, ऑस्ट्रेलिया के जेक वेटन, एरन जालेव्स्की और टिम ब्रांड जैसे दुनिया के स्टार हॉकी खिलाड़ियों के साथ ‘ एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार ’ के लिए नामांकित किया गया है। उन्हें लगता है कि यह पूरी टीम के लिए सम्मान की बात है।
हरमनप्रीत ने कहा, “ कांस्य पदक के साथ स्वदेश लौटने के बाद हमारा जिस तरह से स्वागत किया गया वह अविश्वसनीय है और तब हमें कितनी खुशी थी इसे व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो अपनी भावनाओं को इतना व्यक्त नहीं करता है, लेकिन लोगों ने हम पर जो प्यार बरसाया है वह मुझे बहुत अभिभूत करता है। रिकॉर्ड कहते हैं कि मेरे पास टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए सबसे अधिक गोल हैं, यह संभव नहीं होता अगर मेरे साथी नहीं होते, जिन्होंने हमें पेनल्टी कार्नर दिलाए और यह सुनिश्चित किया कि मैं लक्ष्य साधता रहूं। यह पूरी तरह से टीम वर्क का परिणाम था और मुझे सच में लगता है कि हम बड़े कारनामों के लिए तैयार हैं। ”
ड्रैगफ्लिकर ने भविष्य की योजना के बारे में कहा, “ टीम पहले से ही अगले ओलंपिक चक्र की प्रतीक्षा कर रही है। इस कांस्य पदक ने न केवल हमारे जीवन को बदल दिया है, बल्कि हमारे सोचने के तरीके को भी बदला है। इसने इस टीम को अत्यधिक आत्मविश्वास दिया है और हम सच में सोचते हैं कि विश्व नंबर एक बनना एक लक्ष्य है जिसे हम इस ओलंपिक चक्र में प्राप्त कर सकते हैं। 2022 में एफआईएच हॉकी प्रो लीग के साथ फरवरी में कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट शुरू होने हैं, जिसके बाद राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और 2023 विश्व कप है। ओलंपिक चक्र छोटा होने के कारण यह रोमांचक होने वाला है। हम जल्द ही शिविर में फिर से एकत्रित होने और 2022 कैलेंडर के सभी महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों के लिए अपनी तैयारी फिर से शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं। ”
उल्लेखनीय है कि हरमनप्रीत टोक्यो में अपना दूसरा ओलंपिक खेलते हुए भारत के सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बने थे। छह गोल करके वह न केवल भारत के सर्वाधिक गोल स्कोरर बने थे, बल्कि संयुक्त रूप से टूर्नामेंट के तीसरे सर्वाधिक गोल स्कोरर भी रहे थे। उनके इसी प्रदर्शन की बदौलत भारत ने ऐतिहासिक कांस्य पदक जीत हासिल की थी।
दिनेश राज
वार्ता