राज्य » अन्य राज्यPosted at: Sep 26 2022 10:00PM महिलाओं की अदम्य शक्ति का सम्मान करना भी दशहरा उत्सव की मूल भावना : मुर्मू
मैसूर 26 सितम्बर (वार्ता) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि महिलाओं की अदम्य शक्ति का सम्मान करना भी दशहरा उत्सव की मूल भावना है, जिसे विजयादशमी के साथ मनाया जाता है।
सुश्री मुर्मू ने चामुंडी हिल्स में मैसूर दशहरा महोत्सव का उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में महिला सशक्तिकरण की विकास यात्रा में हमारी बहनों और बेटियों की बहुआयामी प्रगति परिलक्षित होती है, लेकिन इस प्रगति को और मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कर्नाटक की रानी कित्तूर चेन्नम्मा और ओनाके ओबवा जैसी कुछ वीर महिलाओं का स्मरण किया जिन्होंने अंग्रेजों और मैसूर के तत्कालीन तानाशाह शासक टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने ही कित्तूर की रानी अब्बक्का और रानी चेन्नम्मा जैसी नायिकाओं के नेतृत्व में विदेशी शासकों के खिलाफ संघर्ष के शुरुआती उदाहरण प्रस्तुत किए। वीर-वनिता की गाथा, ओनाके ओब्वा आज भी कर्नाटक के लोगों के मन को प्रेरित करती है।
राष्ट्रपति ने कर्नाटक की 35 महिला संतों का भी आह्वान किया जिन्होंने वचन नामक महान भक्ति कविता में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि आज से करीब नौ सौ साल पहले इन महिला संतों ने उस कविता में योगदान दिया था। इस वचनों को सुनने की परंपरा कर्नाटक के लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि देवी चामुंडेश्वरी से उनकी प्रार्थना है कि उनका आशीर्वाद हमेशा सभी पर बना रहे।
जांगिड़ अशोक
वार्ता