बेंगलुरू 29 जनवरी (वार्ता) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारामैया ने मांड्या जिले के एक गांव में स्थानीय प्रशासन द्वारा ध्वजस्तंभ से हनुमान ध्वज हटाने का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि वह हिंदू हैं और सहअस्तित्व तथा सहिष्णुता में विश्वास करते हैं।
श्री सिद्दारामैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं हिंदू हूं और मैं सभी लोगों से प्यार करता हूं। मैं सह-अस्तित्व और सहिष्णुता में विश्वास करता हूं।” उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले अनावश्यक मुद्दे पैदा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्यूलर) को दोषी ठहराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुमति केवल राष्ट्रीय या राज्य ध्वज फहराने के लिए दी गई थी, इसलिए जिला प्रशासन ने हनुमान ध्वज को उतार कर उचित कार्रवाई की है। उन्होंने कहा, 'चुनाव आ रहे हैं इसलिए भाजपा इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है। '
गौरतलब है कि यह विवाद तब पैदा हुआ जब मांड्या प्रशासन ने पुलिस की मदद से जिले के केरागोडु गांव स्थित एक ध्वजस्तंभ से हनुमान ध्वज को हटा दिया। हनुमान ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज से बदल दिया गया। इसके बाद, भाजपा और जेडीएस कार्यकर्ताओं ने कल सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को हिंदू विरोधी बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
हनुमान ध्वज हटाने के राज्य सरकार के फैसले के विरोध में आज दोनों पार्टियों ने मांड्या और बेंगलुरु में पदयात्रा निकाली। पदयात्रा केरागोडु गांव से शुरू होकर जिला कलेक्टर कार्यालय तक गयी।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि प्रदर्शनकारी राजनीति करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा “ उनके पास बुनियादी सामान्य ज्ञान होना चाहिए। उन्हें राजनीति करने दें, कानून अपने हाथ में न लें। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हम किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दे सकते, वे राजनीति करना चाहते हैं और उन्हें करने दें।”
मौजूदा तनावपूर्ण परिस्थितियों में, पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना तथा समूहों के बीच झड़पों को रोकने के लिए अपने कर्मियों को तैनात किया है और निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
सोनिया, यामिनी
वार्ता