चेन्नई, 21 जनवरी (वार्ता) भारत की पहली विश्व चैंपियन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू पिछले कुछ महीनों के अपने खराब प्रदर्शन से निराश नहीं है और उनका कहना है कि वह अपनी गलतियों में सुधार लाने के लिये मानसिक मजबूती पर काम कर रही हैं।
ओलंपिक रजत विजेता सिंधू ने पिछले साल अगस्त में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था लेकिन उसके बाद से वह किसी भी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकीं। पिछले लगभग पांच महीनों में उन्होंने केवल दो टूर्नामेंटों के क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई। नये साल में सिंधू ने मलेशिया मास्टर्स और इंडोनेशिया मास्टर्स टूर्नामेंट जीते हैं जिसमें वह मलेशिया में क्वार्टरफाइनल में और इंडोनेशिया में दूसरे दौर में बाहर हो गयी थीं।
प्रीमियर बैडमिंटन लीग में हिस्सा ले रही सिंधू ने कहा,“ मैं अपनी मानसिक शक्ति पर काम कर रही हूं। कई मैचों में मैं काफी करीब जाकर हारी और निश्चित तौर पर मैं अपनी गलतियों में सुधार के लिए काम कर रही हूं। सकारात्मक बने रहना जरूरी है और जोरदार वापसी भी जरूरी है।”
सिंधू का मानना है कि ऐसे में जब इस साल टोक्यो ओलंपिक खेला जाना है, मानसिक शक्ति काफी अहम हो जाती है। वर्ल्ड चैम्पियनशिप खिताब जीतने से पहले और उसके बाद सिंधू बीडब्ल्यूएफ इवेंट्स में लगातार खराब दौर से गुजरी हैं। लेकिन इससे उनके मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ा है और अब वह जोरदार वापसी के लिए तैयार हैं।
अपनी वापसी के लिये पीबीएल को महत्वपूर्ण बताते हुये सिंधू ने कहा, “लीग में विदेशी खिलाड़ियों के साथ और उनके खिलाफ खेलते हुए हम काफी कुछ सीखते हैं। हर खिलाड़ी का अलग माइंडसेट होता है और ऐसे में उनके साथ अभ्यास करने और खेलने से आपको फायदा होता है। उपयोगी टिप्स पाने पर किसी भी खिलाड़ी का खेल विकसित होता है। पीबीएल ने मुझे काफी कुछ सिखाया है।”
सिंधू को उम्मीद है कि चेन्नई में मिली हार से उबरते हुए उनकी टीम हैदराबाद हंटर्स लखनऊ में 26 जनवरी को अवध वॉरियर्स के साथ होने वाले अपने अगले मैच के माध्यम से लीग में जोरदार वापसी करेगी। सिंधू ने राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी गायत्री गोपीचंद को 15-5, 15-5 से हराया लेकिन उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा।
राज प्रीति
वार्ता