नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (वार्ता) बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई ) उस समय मुश्किल में आ गया, जब राष्ट्रीय चैंपियन अरुंधति चौधरी ने विश्व चैंपियनशिप के लिए बिना ट्रायल के 70 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कांस्य विजेता लवलीना बोर्गोहैन को नामित करने के अपने फैसले को अदालत में चुनौती दी। हालांकि, प्रतियोगिता को मई, 2022 तक स्थगित करने के साथ, महासंघ ने न्यायालय को जानकारी दी है कि इसके लिए नए सिरे से ट्रायल किए जाएंगे और सभी को एक उचित मौका मिलेगा।
बोर्गोहैन ने अभी तक इस मामले पर चुप्पी साध रखी थी। लेकिन, ओलंपिक्स डॉट कॉम से बातचीत के दौरान बॉक्सर ने इस पर चुप्पी तोड़ते हुए आखिरकार अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा, 'मुझे ट्रायल के लिए उपस्थित होने में कोई समस्या नहीं है। मैं हमेशा अपने महासंघ के निर्णय को मानती हूं। ट्रायल नहीं कराने का निर्णय महासंघ का था, मैंने इसे स्वीकार कर लिया था। अब यदि महासंघ ट्रायल करना चाहता है, तो मुझे कोई समस्या नहीं है। मैं एक फाइटर हूं और सिर्फ रिंग में लड़ने में विश्वास करती हूं।'
लवलीना ने टोक्यो 2020 के सेमीफाइनल में स्वर्ण पदक विजेता बुसेनाज सुरमेनेली से हारने के बाद से किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया है। उन्हें तुर्की बॉक्सर ने खतरनाक हुक और बॉडी शॉट्स के साथ वश में करते हुए मात दी थी। हालांकि, असमिया मुक्केबाज ने उस हार को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन उस बाउट के बारे में फिर से सोचने पर उन्हें दुख होता है।
उन्होंने याद करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि मैं अपने प्रशिक्षण की कमी के कारण वह मुकाबला हार गई। कोविड-19 और मेरी व्यक्तिगत चोटों के कारण मैं ज्यादा प्रशिक्षण नहीं ले सकी। ओलंपिक के लिए आप अलग तरह से तैयारी करते हैं। लेकिन, मुझे लगता है कि मैं ऐसा नहीं कर सकी। अगर, मैं लगातार ट्रेनिंग करती, तो उसे हरा देती।'
थोड़ा रुकने के बाद उन्होंने आगे कहा, 'टोक्यो में मेरे दिमाग में गोल्ड मेडल के अलावा कुछ नहीं था।"बहरहाल, बोर्गोहैन वर्तमान में पूरे जोश के साथ प्रशिक्षण ले रही हैं और पेरिस 2024 में अपने पदक के रंग को बदलने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उन्होंने अपनी कमजोरियों का पता लगा लिया है और उन पर काम कर रही हैं, ताकि वह मजबूत होकर वापसी कर सके। विश्व चैम्पियनशिप में देरी उनके लिए वरदान साबित हो रही है क्योंकि, वह इस समय का सदुपयोग अपने कौशल में सुधार करने में कर रही हैं।
उन्होंने खुलासा किया, 'मैं अपनी ताकत पर काम करने के लिए इस समय का इस्तेमाल कर रही हूं। मैंने पहले भी कहा था कि मुझे अपनी ताकत में सुधार करने की जरूरत है। इसलिए, पिछले चार महीनों से मैं स्ट्रेंथ प्रशिक्षण ले रही हूं। इसके बाद अब मैं काफी बेहतर महसूस कर रही हूं। इसलिए, मैंने जो ब्रेक लिया, वो बहुत सकारात्मक है।'
2022 लवलीना के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष होगा। क्योंकि, वह इस साल में एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैम्पियनशिप में अपनी किस्मत आजमाएंगी। वह खुद को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक के रूप में स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। अब देखना यह होगा कि क्या लवलीना 2.0 खुद को विश्व विजेता के रूप में स्थापित कर पाती हैं।
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