नयी दिल्ली, 08 अगस्त (वार्ता) पूर्व रणजी और आईपीएल खिलाड़ी रजत भाटिया का कहना है कि अगर उन्हें मौका मिले तो वह एक बार फिर आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के लिए खेलना चाहेंगे।भाटिया कई साल तक केकेआर के साथ रहे थे और उन्होंने टीम के साथ लंबा समय बिताया था। उन्होंने हाल ही में घरेलू क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी। लेकिन उनका मानना है कि केकेआर टीम उनके करीब है क्योंकि इस टीम ने ही उन्हें स्टार बनाया है।केकेआर के मालिक शाहरुख खान, जूही चावला और जय मेहता की तारीफ करते हुए उन्होंने क्रैगबज के डिजिटल स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म स्पोर्ट्ज ओ क्लॉक पर चैट शो चैम्पियंज़ में कहा कि ये लोग खिलाड़ी का टीम से अनुबंध खत्म होने के बावजूद उनके संपर्क में रहते हैं। भाटिया ने बताया कि टीम का स्टाफ, फिजियो और मुख्य कार्यकारी अधिकारी काफी अच्छे लोग हैं और उन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई है।भाटिया ने बताया कि शाहरुख अपने दल को खिलाड़ियों के घर भेजते हैं और छोटा वीडियो लेकर परिजनों का साक्षात्कार लेते हैं। इस वीडियो को टीम के खिलाड़ियों को मैच से ठीक पहले दिखाया जाता है जिससे पूरी टीम का मनोबल बढ़ता है।विभिन्न रणजी टीम की ओर खेल चुके भाटिया का कहना है कि दिल्ली की टीम उनके दिल के बेहद करीब है। स्कूल शिक्षा पूरी करने के बाद वह तमिलनाडु में क्रिकेट खेलते थे। उन्होंने छह साल तमिलनाडु में क्रिकेट खेली थी जिसमें से तीन साल रणजी टीम के लिए खेले थे। उन्होंने बताया कि उन्हें तमिल भाषा आती है और वह इस भाषा का दिल्ली टीम के खिलाड़ियों के लिए अनुवाद करते थे।
अपने कोचों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए भाटिया ने कहा कि उनके करियर में उन्हें काफी कोच मिले। उदय गुप्ता उनके स्कूल कोच थे जिन्होंने शुरुआती दौर में उन्हें सही सलाह दी और तारीक सिन्हा ने उन्हें मूल्यवान सुझाव दिए।भाटिया ने कहा कि उन्हें तब तक आईपीएल की भव्यता का एहसास नहीं था जब तक कि शाहरुख की टीम केकेआर के लिए नहीं खेले थे। उन्होंने टीम का उन्हें तीन साल में अच्छा क्रिकेटर बनाने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया।केकेआर के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर के उनके ऊपर विश्वास पर भाटिया ने बताया कि गंभीर टीम में सभी से सलाह लेते थे और सभी की सुनते थे, इसके बाद कोई फैसला लेते थे। उन्हें गेंदबाज के तौर पर इस्तेमाल कराने वाले कप्तानों के बारे पूछे जाने पर उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी, वीरेंद्र सहवाग और गंभीर का नाम लिया।धोनी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि एक बार वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में उन्हें कीरोन पोलार्ड के सामने पहले ओवर में गेंदबाजी करने का मौका दिया गया। उन्होंने बताया कि जब वह गेंदबाजी के लिए दौड़ रहे थे तो उन्होंने देखा कि धोनी ने जिस तरह फील्डिंग सजाई है वो उनके उम्मीद से काफी बेहतर थी।
पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि उन्होंने पोलार्ड के विकेट के साथ अपना ओवर खत्म किया और इसके बाद उनका धोनी पर विश्वास बढ़ा। उन्होंने बताया कि जितना वह सोचते थे उससे भी कई गुना बेहतर धोनी योजना बनाते हैं। भाटिया ने कहा कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान काफी शांत हैं और वह कभी अपना संयम नहीं खोते हैं।उन्होंने कहा कि भारतीय ट्रेनिंग में दिक्कत यह है कि यहां अभी भी पारंपरिक ट्रेनिंग दी जाती है और मजबूती और कंडिशनिंग ट्रेनिंग क्रिकेट में काम नहीं करती है तथा इससे चोटिल होने का खतरा रहता है।अपने करियर को लेकर भाटिया ने कहा कि उन्हें कोई अफसोस नहीं है और वह संन्यास लेने के लिए सही वक्त की तलाश में थे।
शोभित
वार्ता