नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर (वार्ता) स्पॉट फिक्सिंग के मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा प्रतिबंधित किये गये तेज गेंदबाज शांतकुमारन श्रीसंत ने कहा है कि उनमें अभी काफी क्रिकेट बचा है और अगर उन्हें अपने देश में खेलने नहीं दिया जाता है तो वह किसी और देश के लिए खेल सकते हैं। केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को श्रीसंत पर बीसीसीआई की ओर से लगाए आजीवन प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए एकल पीठ के फैसले काे रद्द कर दिया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लागू रहेगा। एशियानेट न्यूज ने श्रीसंत के हवाले से कहा,“ मुझे बीसीसीआई ने बैन किया है आईसीसी ने नहीं। यदि मैं भारत के लिए नहीं खेलता हूं तो किसी और देश के लिए खेल सकता हूं। मैं अभी 34 साल का हूं और मेरे अंदर और अगले छह वर्षाें तक क्रिकेट खेलने की क्षमता है। जो लाेग क्रिकेट से प्यार करते हूं मैं उनके लिए फिर से खेलना चाहता हूं।” बीसीसीआई ने वर्ष 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था जिसे केरल उच्च न्यायालय की ही एकल पीठ ने इस वर्ष सात अगस्त को रद्द कर दिया था। इससे पहले दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने जुलाई 2015 में श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदेला समेत सभी 36 अारोपियों को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। 34 वर्षीय तेज गेंदबाज ने कहा,“ बीसीसीआई एक निजी संस्था है। यह केवल उनके लिए हैं जो कहते हैं कि यह भारतीय टीम हैं। लेकिन आप जानते हैं कि कुल मिलाकर यह एक निजी संस्था है, इसलिए यदि मैं किसी और देश से खेलता सकता हूं। हां, रणजी ट्राफी में केरल के लिए खेलना अलग बात है। मेरी इच्छा थी कि मैं केरल के लिए रणजी ट्राफी और ईरानी कप जीतूं लेकिन बोर्ड के फैसले ने मेरी इच्छा ही खत्म कर दी है।” केरल उच्च न्यायालय के फैसले अाने के बाद श्रीसंत ने कहा था कि उन्हें ही क्यों निशाना बनाया गया है जबकि आईपीएल की दो टीमों चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स का निलंबन समाप्त कर उन्हें अगले साल खेलने का मौका दिया जा रहा है। एजाज राज वार्ता