पटना 17 जून (वार्ता) लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थति में बाहर से आए श्रमिक और बिहार में रह रहे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यदि केंद्र सरकार संभावना वाले क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने में मदद करे तो राज्य एक हाजर एकड़ भूमि उपलब्ध कराने को तैयार है।
श्री कुमार ने बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कहा कि बिहार में खाद्य प्रसंस्करण, गारमेंट्स, टेक्सटाइल, लेदर गुड्स, मेडिकल, इलेक्ट्रिकल एवं अन्य उद्योगों की संभावना है। यदि केंद्र सरकार पहल कर इन संभावना वाले क्षेत्र में कोई उद्योग लगवाने में मदद करे तो राज्य सरकार एक हजार एकड़ भूमि उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। मेक-इन इंडिया के तहत बिहार में भी कुछ पहल करने की आवश्यकता है। इसके लिये वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और आयकर में छूट दिये जाने पर विचार किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत छह करोड़ अतिरिक्त मानव दिवस सृजन की स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध करने के साथ ही 100 दिनों की रोजगार गारंटी की सीमा को बढ़ाकर 200 दिन करने की मांग की। राज्य में 32 लाख 86 हजार आवास रहित लोगों का सर्वे कराया गया है। उन्होंने अनुरोध किया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत प्राथमिकता के आधार पर आवास के लिए स्वीकृति के साथ ही इसके लिए अतिरिक्त राशि का आवंटन किया जाए। 20 लाख से ज्यादा राशन कार्डधारियों को अभी राशन कार्ड उपलब्ध कराना है, तभी उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का लाभ मिल पाएगा। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर पहले के राशन कार्डधारियों का आंकलन किया गया था लेकिन अब बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से इसे स्वीकृत करने का अनुरोध किया।
सूरज शिवा
जारी (वार्ता)